देहरादून- 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड अलग राज्य बना। 2002 में पहले आम चुनाव हुए। जिस में जरा भी राजनैतिक सूझ-बझ थी उसी ने राज्य का भाग्य विधाता बनने के इरादे से चुनाव जंग में हिस्सा लिया। 2002 के पहले चुनाव से लेकर 2012 तक के चुनाव के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो पता चलता है कि पहले चुनाव में 70 सीटों के लिए 927 दावेदारों ने चुनाव लड़ा था। जिनमें से 765 लोगों की जमानत जब्त हो गई थी इनमें 60 महिला दावेदार और 705 पुरुष दावेदार शामिल थे। हालांकि चुनावी नतीजों ने समझा दिया था कि चुनाव लड़ने और जीतने में बड़ा फर्क होता है बावजूद इसके ये सिलसिला नहीं रूका। आंकडों की बात की जाए तो उत्तराखंड में होने वाले हर विधानसभा चुनाव में साढ़े पांच सौ से ज्यादा उम्मीदवार अपनी जमानत राशि बचाने लायक वोट भी नहीं जुटा पाते और अपनी जमानत जब्त करा बैठते हैं। खैर क्या कहें चुनावी चस्का जो ठहरा ।
एक नजर 2002 से 2012 तक के चुनावी आंकड़ों पर
साल2002 विस चुनाव
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पुरूष | महिला | कुल |
चुनाव लड़ा | 855 | 72 | 927 |
जमानत जब्त | 705 | 60 | 765 |
2007 विधान चुनाव के आंकड़े
साल 2007 विस चुनाव | पुरूष | महिला | कुल |
चुनाव लड़ा | 729 | 56 | 785 |
जमानत जब्त | 538 | 42 | 580 |
2012 विधानसभा चुनाव के आंकड़े
साल 2012 विस चुनाव | पुरुष | महिला | कुल |
चुनाव लड़ा | 724 | 63 | 788 |
जमानत जब्त | 566 | 47 | 614 |