हरिद्वार- नैशनल हाइवे 73 निर्माण में बेशकीमती जमीनों के अधिग्रहण को लेकर पिछले लगभग डेढ़ माह से धरने पर बैठें किसानों ने जिलाधिकारी के आश्वासन पर धरना समाप्त कर दिया है। जिलाधिकारी ने अधिग्रहण जमीनों की जांच कर उचित मुआवजा दिलाए जाने की बात कही है। मामला रूड़की के रसूलपुर गाँव का है जहां सैकड़ों किसान एनएच 73 निर्माण में अपनी खेती की जमीनों के अधिग्रहण का उचित मुआवजा ना मिलने को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे। लगभग डेढ़ माह बाद हरिद्वार जिलाधिकारी दीपक रावत ने किसानों को आश्वासन देकर धरना समाप्त कराया है।
आपको बता दें कि नैशनल हाइवे 73 मार्ग का निर्माण कार्य जोरो पर चल रहा है जिसको लेकर किसानों की जमीनों को अधिग्रहण किया गया है। हाइवे निर्माण में रूड़की के रसूलपुर और सलेमपुर गांव के किसानों की जमीनों को अधिग्रहण किया गया था। जब दोनों गाव के किसानों को मुआवजा दिया गया तो उसमें भेदभाव किया गया। सलेमपुर गांव के किसानों को 2427 रुपये की दर से मुआवजा दिया गया था जबकि रसूलपुर गाव के किसानों को 404 रुपये के हिसाब से मुआवजा दिया गया था। जिसको लेकर रसुलपुर के किसान अधिकारियों पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गए थे।
पीड़ित किसानों ने पूरे मामले की शिकायत शासन से लेकर प्रशासन के आलाधिकारियों से की थी लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पाया। लगभग डेढ़ माह तक धरने पर बैठने के बाद किसानों की समस्या को जानने के लिए पहुँचे हरिद्वार जिलाधिकारी दीपक रावत ने किसानों की समस्या को सुना और उचित कार्यवाही का आश्वासन देते हुए किसानों के धरने को समाप्त करवाया. किसानों का कहना है कि डीएम साहब ने तीन दिन का समय दिया है अगर इसके बाद भी समस्या का समाधान नही होता तो वह दोबारा से धरना देंगे और वही निर्माण नही होने देंगे।