देहरादून- हरिद्वार डीएम दीपक रावत को कौन नहीं जानता. उनका दबंग अंदाज और तुरंत एक्शन लेने का तरीका सबको भाता है और उन्हे अलग पहचान दिलाता है. हमेशा से कड़क और दबंग बोल के जाने जाने वाले डीएम ने एक बार फिर हलचल मचा दी.
शिकायत के बाद की छोपमारी
जी हां सब जानते है कि धर्मनगरी हरिद्वार में शराब पूरी तरह से प्रतिबंधित है। धार्मिक नगरी होने के कारण यहां शराब नहीं बेची जा सकती। लेकिन बावजूद इसके हरिद्वार में हर जगह शराब अवैध रूप से बेची जा रही है। डीएम दीपक रावत को सूचना मिली की हरिद्वार की कुछ दुकानों पर चोरी छिपे दुकान दार और सामान की आड़ में शराब बेच रहे हैं. जिके बाद दीपक रावत ने छापेमारी की.
दरअसल, पिछले काफी समय से प्रशासन को कुछ दुकानों में अवैध रूप से शराब बेचे जाने की शिकायत मिल रही थी। जिसपर कार्रवाई करते हुए डीएम दीपक रावत बीते रोज दुकानों पर छापेमारी करने पहुंच गये।
खुद ही दुकान से शराब की खेप खोज निकाली
डीएम को एकाएक दुकान पर देख दुकानदार घबरा गये। डीएम रावत ने सबसे पहले दुकानवाले से शराब मांगी लेकिन जब उसने आनाकानी की तो डीएम ने खुद ही दुकान से शराब की खेप खोज निकाली। हरिद्वार के रानीपुर मोड़ पर शंकर डेयरी के नाम से इस दुकान को चलाया जाता है।
जिसके बाद दीपक रावत ने शराब बेचने वाले दुकानदार पुलिस ने गिरफ्तार किया. दीपक रावत का कहना है कि उन्हें लंबे समय से सूचना मिल रही थी कि हरिद्वार की कुछ दुकानों में अवैध रूप से शराब बेची जा रही है जबकि यहां पर शराब बेचना कानूनी अपराध है।
कहीं सरकार के आदेश की अवहेलना हो रही है तो कहीं नियम-कानूनों को खुलेआम तोड़ा जा रहा है. बड़ा सवाल ये है कि पुलिस को कभी इसकी सूचना नहीं मिली? इससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर बी कई सवालिया निशान खड़े हो गए हैं. क्या पुलिस को दुकानों पर जाकर छानबीन नहीं करनी चाहिए? या इन सब में कहीं न कहीं पुलिस भी शामिल है.