देश के भीतर और सीमाओं पर दुश्मनों से लोहा लेने वाले देश की सिक्योरिटी से जुड़े जवानों को उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए पुरूस्कार से नवाजा गया. दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के सभी राज्यों और विभिन्न सिक्योरिटी से जुडे 706 जवानों को विशिष्ट पुरूस्कार से सम्मानित किया। NDRF,NIA,NCB,SSB,NSG,ITBP,CRPF,CISF,CBI, BSF के जवानों को उनकी विशिष्ट सेवा के लिए देश के प्रतिष्ठित सेवा पदक से नवाजा गया।
अल्मोड़ा जिले के ग्राम हरड़ा में रहने वाले NSG के असिटेंट कमांडर दीवान सिंह बिष्ट को भी विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पदक पुरूस्कार से नवाजा गया है।
वीर जवान को मिला 31 वर्षों की सेवा का सम्मान
मूल रूप से अल्मोड़ा के ग्राम हरड़ा पोस्ट- न्योली हरड़ा के रहने वाले दीवान सिंह बिष्ट पुत्र स्व. भवान सिंह बिष्ट वर्तमान में देश के सबसे खतरनाक कमांडो ब्लैक कैट कमांडो (NSG कमांडो ) में तैनात हैं। 31 वर्षों की सेवा के दौरान वीर जवान दीवान सिंह बिष्ट देश के विभिन्न भागों उत्तर पूर्व, त्रिपुरा, पंजाब, जम्मू कश्मीर में तैनात रहे। पिछले 2 वर्षों से प्रतिनियुक्ति पर सहायक कमांडर के पद पर तैनात दीवान सिंह बिष्ट वर्तमान में दिल्ली में तैनात हैं। बता दें कि एनएसजी का गठन 16 अक्टूबर 1984 को किया गया था ताकि देश में होने वाली आतंकी गतिविधियों से निपटा जा सके।
NSG जवान का पहाड़ से गहरा नाता
राष्ट्रपति से पुलिस पदक से सम्मानित दीवान सिंह बिष्ट का बचपन अल्मोडा के न्योली हरड़ा गाँव में बीता। दीवान सिंह बिष्ट ने बताया कि प्रारंभिक शिक्षा हरड़ा प्राइमरी स्कूल और माध्यमिक शिक्षा राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नैनी से लेने के बाद जागनाथ इंटर कालेज शौकिया थल से 1984-85 में इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण की।
बचपन से ही देश सेवा का जज्बा मन में था। लगन और मेहनत के दम पर 1986 में दीवान सिंह बिष्ट का चयन सीमा सुरक्षा बल (BSF) में हुआ। दो बेटों और एक बेटी की उच्च शिक्षा के लिए दीवान सिंह बिष्ट का परिवार फिलहाल दिल्ली में रहता है।
लेकिन पहाड़ के इस वीर जवान का दिल आज भी अपने गांव -पहाड़ में ही बसता है। यही वजह है जब भी ड्यूटी के दौरान छुट्टी मिलती है तो दीवान सिंह बिष्ट अपने पैतृक गांव हरड़ा जरूर आते हैं। पहाड़ के लाल को देश का विशिष्ट सेवा पुरूस्कार मिलने पर उनके पैतृक गांव हरड़ा के साथ ही उत्तराखंड़ में खुशी की लहर है।