देहरादून संवाददाता -प्रदेश के सरकारी अस्पतालों की सेहत को दुरुस्त करने की दरकार है। पहाड़ों की तो बात छोड़ए अस्थाई राजधानी देहरादून के कोरनेशन अस्पताल को भी बजट की किल्लत झेल रहा है। बिना पूंजी के अस्पताल का सेहत डांवाडोल है।
अस्पताल के CMS की माने तो बिना बजट के हर काम में रोड़े अटक रहे हैं। ऐसा नहीं कि स्वास्थ्य निदेशालय को कोरनेशन की माली हालत के बारे में पता न हो बावजूद इसके अस्पताल को बजट आवंटित नहीं किया गया है। सीएमएस ललित चंद्र पुनेठा की माने तो वे कई बार डीजी हैल्थ को खत लिख चुके हैं बावजूद इसके हालात नहीं सुधरे।
आलम ये है कि सीएमएस को अपनी साख का डर सताने लगा है। दरअसल सीएमएस पुनेठा ने अस्पताल की जरूरत का कुछ सामान खरीदा है जिनका भुगतान बजट के आभाव में लटका हुआ है। सीएमएस डाक्टर पुनेठा की माने तो जिन संस्थानों से सामान खरीदा गया है वे लोग उन्हें भुगतान के लिए टोक सकते हैं।