देहरादून : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अब हमारे बीच नहीं रहे. कल दिल्ली एम्स में शाम 5 बजकर 5 मिनट में अंतिम सांस ली. देश को एक अपूर्ण क्षति हुई है. अटली जी का आज अतिंम संस्कार किया जाएगा. अटली जी का जहां पूरे देश और दुनिया में बोलबाला था तो वहीं अटल जी को देहरादून से बेहद लगाव था। देहरादून-मसूरी की वादियां उनको भाती थी.
देहरादून में अटल जी का वो स्कूटर और ब्रीफकेस जो हमेशा उनकी याद दिलाएगा
देहरादून में उनके पारिवारिक मित्र नरेंद्र स्वरूप मित्तल का घर है जहां वह अक्सर ठहरते थे। वाजपेयी की कई यादें आज भी मित्तल परिवार के साथ जुड़ी हैं। और जो बेहद खास चीज जो हमें अटल जी की याद दिलाता है वो है मित्तल परिवार का स्कूटर औऱ उनका ब्रीफकेस. वह स्कूटर बेहद खास है क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी देहरादून आकर अक्सर उसमें घूमा करते थे। दून के बाद वह मसूरी जरूर जाते थे। अटल जी कहते थे कि मसूरी की वादियां उन्हें आत्मिक संतोष देती हैं।
देहरादून की सड़कों पर करते थे स्कूटर से सेैर
उनके ब्रीफकेस में एक धोती-कुर्ता, एक रुमाल और एक टूथब्रश होता था।अटल जी दून की सड़कों पर नरेंद्र स्वरूप मित्तल के साथ 1975 मॉडल के स्कूटर यूपीएस-7575 पर सैर करते थे। बाद में जब नरेंद्र स्वरूप मित्तल ने फिएट कार ले ली तो वे अटल जी को उसमें भी घुमाया करते थे।
अटली जी रोजाना 15-16 अखबार पढ़ते थे, स्कूटर से जाते थे मसूरी
स्व. नरेंद्र स्वरूप मित्तल के बेटे पुनीत मित्तल ने बताया कि अटल जी को मैंगो-शेक और मूंग की दाल बेहद पसंद थी। वह हंसमुख स्वभाव के थे और सबसे घुल मिल जाते थे. साथ ही बताया कि वह नियमित रूप से सभी अखबार पढ़ते थे। उनके लिए 15-16 अखबार रोजाना मंगाए जाते थे। वह सरल स्वभाव के थे वे कई बार स्कूटर से ही नरेंद्र स्वरूप मित्तल के साथ दून से मसूरी निकल जाया करते थे।
भाजपा नेता पुनीत मित्तल बताते हैं कि वाजपेयी जी जब उनके घर आते तो समय मिलने पर राजपुर रोड पर पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की बहन विजयलक्ष्मी पंडित के घर भी जरूर जाते थे। यहां वह साहित्य एवं देश की राजनीति पर चर्चा करते थे। पुनीत मित्तल ने बताया कि अब विजयलक्ष्मी के इस घर में उनकी बेटी नयनतारा रहती हैं।