देहरादून- उत्तराखंड कांग्रेस में इस समय गुटबाजी चरम पर है, कई धड़ों में बंटी उत्तराखंड कांग्रेस का हाल गुटबाजी के चलते बेहाल है. जिसकी वजह से कांग्रेस की भीतर इतना अंतरद्धंध चल रहा है कि एक दूसरे को मात देने तक कि लिए इस्तीफों की धमकी दी जा रही है। मीडिया में एक दूसरे पर अपने बयानों के जरिए हमला करने वाले नेता तो इसे कांग्रेस पार्टी के भीतर स्वस्थ लोकतंत्र की परम्परा करार देते हैं, लेकिन जब गुटबाजी का सवाल मीडिया करती है, तो मीडिया के सवाल पर तपक से नेता यही जवाब देते हैं कि पार्टी के भीतर किसी तरह की गुटबाजी नहीं है, बस पार्टी के भीतर सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है। लेकिन वही नेता ये भूल जाते हैं कि पार्टी में अपनी बात रखने का अधिकार पार्टी फोरम पर होता है न कि एक दूसरे के खिलाफ मीडिया में जहर उगलने से। उत्तराखंड कांग्रेस के सुरमा नेता भले ही पार्टी के भीतर गुटबाजी की बात स्वीकार न करते हों, लेकिन खबर उत्तराखंड से खास बातचीत में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह ने कांग्रेस के भीतर गुटबाजी की बात स्वीकारी है।
उत्तराखंड कांग्रेस में ही नहीं मेरे घर में भी है गुटबाजी
खबर उत्तराखंड से खास बातचीत में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी ने जहां उत्तराखंड कांग्रेस में गुटबाजी की बात स्वीकारी. वहीं कहा कि उनके घर में भी गुटबाजी है, अपने 5 भाईयों का उदाहरण देते हुए अनुग्रह नारायण सिंह बोले के हम 5 भाई हैं किसी से हम खुश नहीं रहते हैं तो कोई हमसे खुश नहीं रहता है…लेकिन जब सभी भाईयों को एकजुटता दिखानी होते है तो सब साथ खड़े हो जाते हैं…ठीक उसी तरह प्रदेश में कांग्रेस नेताओं को इस समय एकजुटता दिखानी होगी और पार्टी को मजबूती देनी होगी ताकि कांग्रेस उत्तराखंड में मजबूत हो और सरकार के साथ सीधा मुकाबला कर सकें और सरकार पर हमलावर हो सकें।
बारिश में भीग कर दिखाई एकता
कांग्रेस में गुटबाजी के सवालों से जब अनुग्रह नारायण सिंह परेशान नजर आने लगे तो अनुग्रह नारायण सिंह बोले बारिश में भीग कर 28 जुलाई को कांग्रेस नेताओं ने मलिन बस्तियों के मुद्दे पर एकजुटता दिखाई, ठीक उसी तरह से आगे भी कांगेस के भीतर एक जुटता देखने को मिलेगी।
बड़े नेताओं को दिखाना होगा बड़ा दिल
कांग्रेस में गुटबाजी के सूत्रधार उत्तराखंड कांग्रेस के बड़े नेता ही हैं और बड़े नेताओं को गुटबाजी खत्म करने के लिए अनुग्रह नारायण सिंह ने खबर उत्तराखंड के माध्यम से संदेश दिया है कि बड़े नेताओं को गुटबाजी खत्म करने को लेकर त्याग के साथ बड़ा दिल दिखाना चाहिए।
कुंजवाल पर नरम, बिष्ट पर गरम
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के द्धारा जिला अध्यक्षों की नियुक्ति पर अल्मोड़ा जिले के अध्यक्ष बनाए जाने पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने सवाल खड़े करते हुए अपना इस्तीफा तक प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह को भेज दिया था। जिसके बाद अल्मोड़ जिला अध्यक्ष बदले जाने के बाद अपना इस्तीफा कुंजवाल ने वापस लिया। इसे कांग्रेस के भीतर किसी गुटबाजी से कम नहीं आंका जा रहा था, क्योंकि कुंजवाल हरीश रावत गुट के प्रमुख नेताओं में से एक हैं और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने हरीश रावत को पटखनी देने के लिहाज से पहले अल्मोड़ा जिला अध्यक्ष पद पर अपनी पंसद के व्यक्ति को बनाया है…
जोत सिंह सिंह बिष्ट जी काम नहीं करते हैं बस पत्र भेजते हैं
हालांकि बाद में कुंजवाल के इस्तीफे की धमकी पर पीसीसी चीफ को अपना ही फैसला बदलना पड़ा। हालांकि कुंजवाल की नाराजगी पर प्रदेश प्रभारी ने उदारता से जवाब दिया और कहा कि कुंजवाल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और उनकी भावना का सम्मान किया गया है। वहीं कांग्रेस प्रदेश प्रभारी जोत सिंह बिष्ट के द्धारा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का संगठन के द्धारा सम्मान किए जाने के सवाल पर अनुग्रह भड़क गए और कह दिया कि वह अभी तक वह उत्तराखंड 4 बार आ गए हैं, लेकिन जोत सिंह बिष्ट उनसे अभी तक नहीं मिले हैं। जोत सिंह सिंह बिष्ट जी काम नहीं करते हैं बस पत्र भेजते हैं।
2019 से पहले कई लोगों को करेंगे शामिल
कंग्रेस को प्रदेश में मजबूत करने के लिए हाल में ही कांग्रेस ने कई नेताओं को शामिल किया है. वहीं कांग्रेस प्रदेश प्रभारी का कहना कि जो लोग 2014 में भ्रमित होकर भाजपा में चले गए थे, ऐसे कई लोग फिर से कांग्रेस में शामिल होना चाहते हैं, कल रूद्रपुर और नैनीताल में कई लोग कांग्रेस में शामिल होने वाले हैं।