देहरादून- बेटी की हत्या कर उसके शव के टुकड़े करने वाली मां को लेकर आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं। पहले हत्या का कारण सम्पति बताया जा रहा था लेकिन जांच में हत्या की असली वजह का खुलासा हुआ है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायधीश की पोती प्राप्ति सिंह का कत्ल की असली वजह नफरत और गुस्सा थी।
एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बुधवार को जांच के बाद यही दावा किया है। उनके मुताबिक प्रॉपर्टी को भी एक वजह माना जा सकता है, मगर हत्या के लिए दूसरे कारण ज्यादा प्रभावी रहे हैं। शहर के अंसारी रोड पर हुए प्राप्ति सिंह के कत्ल के मोटिव को लेकर पुलिस कई दिन से माथापच्ची में जुटी थी।
बेटी और सौंतेली मां के बीच थी विवाद
प्रथम दृष्टया प्रॉपर्टी विवाद की बात सामने आई थी, मगर गहनता से जांच पड़ताल के बाद कई अन्य कारण सामने आए हैं। एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने कहा कि प्राप्ति सिंह के कत्ल की वजह प्रॉपर्टी नहीं थी। प्राप्ति सिंह और सौतेली मां मीनू कौर के बीच दूसरे विवाद भी थे, जिनकी वजह से उनके बीच नफरत की खाई इतनी बढ़ गई थी, जिन्हें पाटना आसान नहीं था। प्राप्ति के पिता की मौत के बाद इनके रिश्तों में कडवाहट का प्याला छलकने लगा था।
एसएसपी ने बताया कि विवेचना के दौरान पता चला है कि पिता ने सात साल की उम्र में बेटी के सामने मीनू कौर के सौतेली मां होने का राज खोल दिया था, तब से ही मां के प्रति प्राप्ति का नजरिया बदल गया था। दोनों के बीच दूरियां लगातार बढ़ती चली गईं। नाते-रिश्तेदारों के अलावा कोठी से जुड़े रहे नौकरों और अन्य कर्मचारियों से पूछताछ में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
हत्या से एक दिन पहले मीनू ने नौकरानी को दी छुट्टी
सौतेली बेटी प्राप्ति की हत्या से एक दिन पहले मीनू ने नौकरानी को छुट्टी दे दी थी। नौकरानी से पूछताछ में यह तथ्य सामने आया है। नौकरानी ने बताया कि मालकिन ने चार दिन बाहर रहने की बात कहते हुए उसे आने से मना किया था। एसएसपी निवेदिता कुकरेती का कहना है कि नौकरानी के इस बयान को भी तस्दीक कराने का प्रयास किया जा रहा है।
एसएसपी के पास पहुंची थी मीनू कौर
सौतेली बेटी का कत्ल करने वाली मीनू कौर यदि सीधे एसएसपी के पास नहीं पहुुंचती तो गुमशुदगी को पुलिस इतनी गंभीरता से नहीं लेती। 6 फरवरी की रात को कत्ल करने के दूसरे दिन मीनू कौर थाने जाने के बजाए सीधे एसएसपी निवेदिता कुकरेती के पास पहुंची थी। कुकरेती ने पटेलनगर इंस्पेक्टर रितेश शाह को मामले को गंभीरता से लेकर जांच पड़ताल करने को कहा था। अमूमन गुमशुदगी के मामलों में पुलिस इतनी गंभीरता नहीं दिखाती है।