देहरादून- देहरादून के विकासनगर निवासी उमेश गुप्ता ने पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एक पत्रकार वार्ता में कहा कि वह विगत 10 वर्षों से खनन का कार्य कर रहा हैं. उसके पास उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी किया गया आदेश पत्र भी उपलब्ध है।
उमेश ने विकासनगर पुलिस पर उत्पीड़िन का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें 3 मई को अवैध खनन करने के जुर्म में उसके ट्रैक्टर को सीज कर दिया गया और ड्राइवर को जेल भेज दिया था। जबकि मेरे पास ट्रैक्टर के समस्त कागज व खनन से संबंधित पेपर भी हैं लेकिन पुलिस कोई बात सुनने को तैयार ही नहीं है. रमेश ने बताया कि उनके ट्रैक्टर को सीज कर दिया।
कोर्ट के ने थाना प्रभारी विकासनगर को आदेश जारी किया था लेकिन नहीं माना
आपको बता दें इस मामले में कोर्ट के ने थाना प्रभारी विकासनगर को आदेश जारी किया था औऱ जिसमें लिखा गया था कि उक्त ट्रैक्टर को छोड़ दिया जाए लेकिन कोतवाल ने न्यायालय का आदेश भी नहीं माना. ऐसा लगता है मानो कोतवाल न्यायालय से भी बड़ी शाख वाले हैं क्योंकि कोतवाल ने ट्रैक्टर के मालिक को धमकी देते हुए कहा की मैं कोर्ट के कागज को नहीं मानता और सारे कागज फर्जी हैं।
कोतवाल ने और खनन करने वालों के ऊपर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की
ट्रैक्टर मालिक का कहना है कि कोतवाल ने उसका दूसरा ट्रैक्टर भी सीज कर दिया जबकि कोतवाल ने और खनन करने वालों के ऊपर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की। इससे लगता है कि आज पुलिस विभाग भी कोर्ट की अवमानना करने पर तुला है जबकि राज्य सरकार कहती है कि जीरो टॉलरेंस के हिसाब से काम किया जाएगा।
पीड़ित का कहना है कि इससे साफ पता चलता है कि पुलिस विभाग द्वारा मेरा मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न किया जा रहा है. ट्रैक्टर मालिक का कहना है कि अगर इस मामले पर पुलिस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई तो मैं धरना प्रदर्शन करूंगा।