देहरादून- हरिद्वार-देहरादून और ऋषिकेश की यातायात दिक्कतों का हल करने के लिए मेट्रो की कसरत तेज हो गई है। कम्परहैंसिव मोबिलिटी प्लान (सीएमपी) के तहत इन तीनों शहरों को जोड़कर यातायात की समस्याओं की पहचान और इसके समाधान पर मंथन किया जा रहा है।
इन तीनों शहरों में मेट्रो दौड़ाने के लिए भी सीपीएम तैयार किया जाना जरूरी है। सरकार देहरादून के साथ ही हरिद्वार और ऋषिकेश को मेट्रो से जोड़ने की तैयारी कर रही है। लेकिन केंद्र सरकार ने किसी भी शहर में मेट्रो प्रोजेक्ट पर सहमति देने से पहले संबंधित शहर का कम्परहैंसिव मोबिलिटी प्लान बनाने की शर्त रख दी है।
इसमें मेट्रो के अलावा अन्य शहरी यातायात मॉडल पर भी विचार किया जाना है। इसी क्रम में उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश को एक साथ रखते हुए साझा यातायात प्लान तैयार कर रहा है। हालांकि देहरादून और मसूरी के लिए यह कसरत पहले एमडीडीए के स्तर से हो चुकी है। लेकिन अब इसमें हरिद्वार और ऋषिकेश को भी शामिल किया गया है
उत्तराखंड मेट्रो के एमडी जितेंद्र त्यागी के मुताबिक यह काम छह महीने के अंदर पूरा हो जाएगा। प्लान के तहत मेट्रो के साथ ही लाइट रेल ट्रांजिस्ट (एलआरटी), लो फ्लोर बसें, इलेक्ट्रिक बस जैसे शहरी यातायात माध्यमों को भी परखा जा रहा है। इसमें इन शहरों के भविष्य की जरूरतों को देखते हुए यातायात की समस्या का संपूर्ण निदान तलाश जाएगा।
मुख्यमंत्री से मेट्रो प्रोजेक्ट की हरी झंडी मिलने के बाद मेट्रो कारपोरेशन ने वरिष्ठ पदों पर भर्ती की प्रक्रिया तेज कर दी है। वर्तमान में डायरेक्टर फाइनेंस, डायरेक्टर सिस्टम और डायरेक्टर प्रोजेक्ट एंड प्लानिंग के लिए एक दिसंबर तक आवेदन मांगे गए हैं। इसके साथ ही निचले स्तर के पदों पर साक्षात्कार भी शुरू कर दिए गए हैं। मेट्रो के एमडी जितेंद्र त्यागी के मुताबिक मेट्रो का अधिकृत लोगो भी जल्द जारी किया जाएगा।