देहरादून- सूबे के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत अपनी जिस चेहती को अपने अधिनस्थ विभाग में आला पद पर तैनात चाहते हैं जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली टीएसआर सरकार उसके लिए राजी नहीं है।
लिहाजा आने वाले वक्त में सियासत का ऊंट किस करवट बैठेगा कहना मुश्किल है, क्योंकि कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की चेहती शिक्षा अधिकारी दमयंती रावत की नए पद पर ताजपोशी खटाई में पड़ गई है।
हरक सिंह रावत दमयंती रावत को भवन एवं श्रमिक कल्याण बोर्ड में अपर कार्याधिकारी पद पर तैनात देखना चाहते हैं। इसके लिए हरक सिंह रावत ने अपनी हनक दिखाते हुए शिक्षा विभाग से बिना एनओसी के ही दमयंती रावत को श्रम महकमे के भवन सन्निकर्म बोर्ड में अपर कार्याधिकारी बनाने का निर्णय ले लिया।
खबर है कि सूबे के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने हरक के इस कदम पर न केवल सीएम त्रिवेंद्र रावत का ध्यान दिलाया बल्कि दमयंती रावत की नई ताजपोशी के लिए सीएम से दिशा निर्देश भी मांगे। जिस पर सीएम कार्यालय ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए एनओसी के प्रस्ताव को न केवल खारिज कर दिया बल्कि शिक्षा विभाग ने दमयंती रावत के खिलाफ जांच भी बैठा दी।
दरअसल कांग्रेस सरकार के दौर मे हरक सिंह रावत की अनुकंपा से कृषि महकमें में प्रतिनियुक्ति पर गई दमयंती रावत ने अब तक अपने मूल शिक्षा विभाग को ज्वाइनिंग नहीं दी है जबकि उनकी प्रतिनियुक्ति की अवधि 20 मई 2016 को खत्म कर दी गई थी।
बिना बताए मूल विभाग से गैरहाजिर रहने के एवज में दमयंती रावत को चार्ज शीट भी सौपी गई है जिसका जवाब दमयंती रावत ने अभी तक शिक्षा विभाग को नहीं दिया है। वहीं सवा साल तक मूल विभाग में ज्वाइनिंग न करने और पिथौरागढ़ तबादले के आदेश की अवहेलना को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने गंभीर अनुशासनहीनता माना है।
वहीं शिक्षा सचिव भूपेंद्र कौर औलख ने साफ कह दिया है कि दमयंती रावत प्रतिनियुक्ति के मानकों को पूरा नहीं करती, लिहाजा नियमानुसार शिक्षा अधिकारी दमयंती रावत को पुनः प्रतिनियुक्ति के लिए शिक्षा महकमा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं कर सकता।