उत्तराखंड – उत्तराखण्ड सरकार द्वारा प्रदेशभर के नगर निकायों के सीमा विस्तार का जल्दबाजी में लिया गया फैसला तर्क संगत नहीं है। राज्य सरकार के नगर निकायों के सीमा विस्तार के फैसले से ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि भूमि खुर्द-बुर्द होने का अंदेशा बना हुआ है। नगर निकायों के सीमा विस्तार से पूर्व राज्य सरकार द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत जनप्रतिनिधियों की सहमति तक नहीं ली गई। कांग्रेस पार्टी राज्य सरकार के जल्दबाजी में लिये गये इस फैसले का कड़ा विरोध करती है।
ये बात गंगोत्री के पूर्व कांग्रेसी विधायक विजय पाल सजवाण के नेतृत्व में राज्यपाल को प्रेषित कांग्रेसी प्रतिनिधि मंडल के ज्ञापन में कहीं गई हैं। कांग्रेसियों ने राज्य सरकार की शिकायत करते हुए प्रेषित ज्ञापन में शक जताया कि जिस प्रकार प्रदेश के नगर निकाय क्षेत्रों में पूर्व में किये गये सीमा विस्तार वाले गांवों की कृषि भूमि को खुर्द-बुर्द किया गया उसी प्रकार अब एकबार पुनः प्रदेशभर के नगर निकायों के सीमा विस्तार वाले क्षेत्रों की कृषि भूमि के खुर्द-बुर्द होने का खतरा बना हुआ है।
वहीं राज्यपाल को प्रेषित ज्ञापन में कांग्रेसियों ने कहा कि पूर्व में किये गये सीमा विस्तार में जिन ग्रामीण क्षेत्रों को नगर निकायों में शामिल किया गया था उनमें बुनियादी सुविधाएं आज तक मयस्सर नहीं हो पाई। बावजूद इसके सरकार गांवों को जबरन शहर बनाने पर आमादा है। कांग्रेसियों ने सरकार को नसीहत देते हुए कहा है कि सीमा विस्तार से पहले राज्य सरकार उन इलाकों में बुनियादी सुविधायें जुटाए जिन्हें पहले नगरों में शामिल किया गया है। उसके बाद ही सीमा विस्तार का प्रस्ताव लाया जाना चाहिए।
वहीं कांग्रेसियों ने ठेठ गांवों को नगर परिसीमन की जद मे लाने का कड़ा विरोध किया है। कांग्रेस ने कहा कि ऐसा करने से ग्राम पंचायतों का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा। नगरपालिका बाड़ाहाट के विस्तार में सम्मिलित ग्रामपंचायतें नेताला गणेशपुर, से लेकर बड़ेथी मातली और जसपुर माण्डों से लेकर डांग दिलशोड मनेरा तक को शामिल किया जाना किसी भी लिहाज से तर्कसंगत नहीं है।
कांग्रेसियों ने कहा कि आम जनता एवं जनप्रतिनिधियों के विरोध के बावजूद राज्य सरकार के प्रस्तावित सीमा विस्तार के कारण त्रिस्तरीय पंचायतों में जनता का प्रतिनिधित्व घटेगा जिसका सीधा असर सीधे-सीधे ग्रामीण क्षेत्रों के विकास पर पड़ेगा तथा ग्राम अवधारणा समाप्त होगी। ऐसे में कांग्रेस प्रतिनिधिमण्डल ने महामहिम राज्यपाल से कांग्रेस पार्टी द्वारा उठाये गये बिन्दुओं के समाधान हेतु राज्य सरकार को निर्देशित करने का निवेदन किया है।