टिहरी- दो महीने होने को हैं लेकिन आशा कार्यकत्रियों की न तो किसी ने सुनी न उनका धरना खत्म हुआ। कलेक्ट्रेट परिसर में धरना दे रही आशा कार्यकत्रियों ने नया रास्ता चुनते हुए अपने खून से मुख्यमंत्री को खत लिख कर अपनी मांगों के संबन्ध में गुहार लगाई। दरअसल मानदेय का शासनादेश जारी न होने से टिहरी जिले की आशा कार्यकत्रियां बेहद खफा हैं। राज्य के सीएम को खून से खत लिखने वाली कार्यकत्रियों का कहना है कि उनका धरना तब तक चलता रहेगा जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती।
धरना स्थल पर ही आशा कार्यकत्रियों ने अपने खून से खत लिखा और अपर जिलाधिकारी के मार्फत राज्य के मुख्यमंत्री को पत्र भेजा। उनका कहना है कि एक लंबा अर्सा बीत चुका है लेकिन उनकी फरियाद नहीं सुनी जा रही है ऐसे में मजबूर होकर उन्हे अपने लहू से खत लिखना पड़ रहा है।
आशाओं का कहना है, कि 15 अगस्त को मुख्यमंत्री ने मानदेय देने का ऐलान किया था लेकिन अब तक शासनादेश जारी नहीं हो पाया है। जिससे आशाओं में रोष व्याप्त है। आशाओं का कहना है कि उनके धरने को लंबा समय बीत गया है। इस दौरान दूर-दराज क्षेत्र में धरना स्थल पर आने जाने में आशाओं का अब तक काफी खर्चा हो गया है इसके बावजूद भी सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है। हालांकि आशाओं ने उम्मीद जताई है कि इस खत के बाद मुख्यमंत्री उनकी अर्जी पर गौर करेंगे। धरना देने वालों में संगठन की जिलाध्यक्ष आशा भट्ट समेत कई संगठन पदाधिकारी और सदस्य शामिल थी।