रुद्रप्रयाग- जिले के ऊखीमठ में एक चाय की दुकान चलाने वाले व्यवसायी ने ईमानदारी की मिसाल कायम की है। तीर्थयात्रियों के तीन महंगे फोन व्यापारी को मिले और व्यापारी ने तीर्थयात्रियों को उन्हें लौटा दिया। व्यापारी की इस ईमानदारी पर क्षेत्र की जनता ने सराहना की है। दरअसल, इन दिनों देश-विदेश के तीर्थयात्री मठ-मंदिरों में दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं। तीर्थयात्री यात्रा के दौरान अपने सामान को यहां-वहां भूल रहे हैं। ऐसे में ऊखीमठ के व्यापारी गजेन्द्र रावत उनके लिए मददगार साबित हो रहे हैं।
कान चला रहे गजेन्द्र रावत को मिले तीनों फोन
ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचे तीर्थयात्रियों के तीन महंगे फोन मंदिर के आस-पास रह गये और वे दर्शन करने के बाद आगे की यात्रा पर निकल गये। मंदिर के पास ही दुकान चला रहे गजेन्द्र रावत को वे तीनों फोन मिले। जिसके बाद उन्होंने मोबाइल पर फोन आने का इंतजार किया। फोन आने पर चाय व्यापारी ने बताया कि तीनों फोन उनके पास हैं और जब चाहे उन्हें ले जा सकते हैं। तीर्थयात्री श्री रावत की दुकान पर पहुंचे और उनका आभार जताया।
देवभूमि के लोग सच में ईमानदार हैं-तीर्थयात्री
उन्होंने कहा कि देवभूमि के लोग सच में ईमानदार हैं। बाहरी शहरी क्षेत्रों में लोग दूसरों की चीजों को लौटाना नहीं जानते हैं। चाय व्यापारी ने जिस तरह से ईमानदारी दिखाई है, वह सच में अतिथि देवो भवः की परम्परा को पूरा कर रहा है। उत्तराखण्ड क्रांतिवीर संगठन के अध्यक्ष पवन राणा ने बताया कि केदारघाटी के लोगों में सच्चाई और ईमानदारी है। तीर्थयात्रियों की सेवा करना ही व्यापारियों का फर्ज है। यदि हम किसी व्यक्ति का सामान अपने पास रखते हैं तो वह यहां से अच्छा संदेश लेकर नहीं जायेगा और सदैव ही उसके मन में रहेगा कि यहां के लोग ईमानदार नहीं है। ऐसा करने से क्षेत्र की छवि भी धूमिल होगी। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों की सेवा करना ही मानव फर्ज है।