देहरादून- उत्तराखंड के विकास के लिए बेशक केंद्र सरकार डबल इंजन की बात करती हो और उसे भरपूर मदद का भरोंसा देती हो लेकिन केंद्रीय ग्रामीण विकास,पंचायती राज एवं खान मंत्री नरेंद्र तोमर के दस्तखत से जारी खत साफ जाहिर कर रहा है कि विकास तो छोड़िए अभी केंद्र सरकार को सूबे की कैबिनेट और उसके मंत्रियों के प्रोफाइल तक पता नही है। केंद्रीय मंत्रियों को अभी ये भी पता नहीं है कि सत्ता में कौन है और विपक्ष में कौन?
दरअसल ये इसलिए कहा जा रहा है कि केंद्र से जारी एक पत्र ने सूबे में खलबली मचा दी है। पत्र को अगर सच माना जाए तो केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में पंचायती राज एवं ग्राणीण विकास मंत्रालय को प्रभार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंहं को बना दिया है।
केंद्रीय ग्रामीण विकास,पंचायती राज एवं खान मंत्री नरेद्र तोमर के लेटर हैड पर जारी इस खत में प्रीतम सिंह से गुजारिश की गई है कि वे आने वाले एक अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक अपने मंत्रालय के अधीन ग्राम समृद्धि एवं स्वच्छता पखवाड़े का आयोजन करें ताकि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का स्वप्न साकार हो सके।
इसके अलावा केंद्रीय मंत्रालय से जारी पत्र में और भी सरकारी कार्यक्रमों को राज्य में मनाए जाने की लिए प्रीतम सिंह से गुजारिश की गई है। जाहिर सी बात है कि अगर ये पत्र वास्तव में 18 सितंबर 2017 को जारी हुआ है और वास्तव में लिखा गया है जैसा कि पत्र में अंकित है, तो ये मोदी सरकार की ऐसी चूक है जो लंबे अर्से तक उसकी सजगता की खिल्ली उड़ाएगी। क्योंकि केंद्र सरकार अपने आपको बेहद सजग होने का दावा करती है। साथ ही उत्तराखंड में विकास के डबल इंजन का भरोंसा भी दिलाती है। गौरतलब है कि बीती हरीश रावत सरकार में प्रीतम सिंह के पास ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्रालय था।
बहरहाल इतना तो तय है कि ये कोई ऐसी चूक नहीं जिसे आया राम, गया राम समझ कर बिसरा दिया जाए। पत्र में सच्चाई है तो केंद्रीय सरकार की बड़ी चूक है और अगर यह खत फर्जी है तो केंद्र सरकार की ये उससे भी बड़ी चूक है कि आखिर मंत्री के दस्तखत कौन कर रहा है कौन सरकारी लेटरहेड का इस्तमाल कर रहा है? अगर कोई ऐसा कर रहा है तो जाहिर की बात है वो शातिर फिर इसका गलत इस्तमाल भी कर रहा होगा,क्योंकि नरेंद्र तोमर के पास खान जैसा अहम मंत्रालय है वही मंत्रालय जिसकी वजह से कभी यूपीए सरकार पर घोटाले की कालिख पोत दी गई थी।