उत्तराखंड पर देश का अटूट भंरोसा है। होगा भी क्यों नहीं जब उत्तराखंड की मिट्टी के लाल अपने हुनर और जज्बे से अपने आपको साबित कर रहे हों।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, थल सेनाध्यक्ष बिपिन रावत, रॉ चीफ अनिल धस्माना समेत जैसे कई अफसरों के बाद एक बार फिर से पहाड़ के बेटो ने अपनी काबिलियत का लोह मनवाया है।
नए साल में एक बार फिर से उत्तराखंड के तीन लेफ्टिनेंट जनरलों को सेना में अहम जिम्मेदारी मिलने की खबर आ रही है।
सेना में डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन (डीजीएमओ) पद पर अभी टिहरी निवासी लेफ्टिनेंट जनरल एके भट्ट डीजीएमओ हैं। भट्ट को और बड़ी जिम्मेदारी देते हुए 15 कार्प का कमांडर बनाया जा रहा है। कार्प का मुख्यालय श्रीनगर में है।
वहीं उत्तराखंड मूल के लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नेगी अभी 2 कार्प के कमांडर हैं। इसका मुख्यालय अंबाला में है। उन्हें स्ट्रैजिक फोर्सेज कमांड (एसएफसी) का कमांडर बनाया जा रहा है। इस कमान को स्ट्रैजिक न्यूक्लियर कमांड के रूप में भी जाना जाता है। यह न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी (एनसीए) का हिस्सा होती है। खास बात यह है कि तीनों अधिकारी गोरखा रेजीमेंट से हैं।
जबकि पौड़ी निवासी अनिल चौहान को अनिल भट्ट की जगह नया डीजीएमओ बनाए जाने की चर्चा है। सूत्रों के मुताबिक, नए डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान होंगे। चौहान पौड़ी के रहने वाले हैं। चौहान अभी 3 कार्प कमांडर हैं। माना जा रहा है कि इस महीने के आखिरी तक लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान नए डीजीएमओ के रूप में कार्यभार संभाल सकते हैं।
अहम पदों पर उत्तराखंडी
सेना प्रमुख बिपिन रावत और सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल उत्तराखंड से हैं। उत्तराखंड निवासी डीके जोशी अंडमान-निकोबार के उप राज्यपाल हैं। रॉ प्रमुख, कोस्ट गार्ड के प्रमुख भी उत्तराखंड से हैं। जबकि रेलवे बोर्ड, सेंट्रल बोर्ड जैसे अहम पदों पर भी उत्तराखंड के अधिकारी नियुक्त हुए हैं। हाल में प्रदीप सिंह खरौला को एयर इंडिया का सीएमडी बनाया गया है, वे भी उत्तराखंड के हैं।