कैन प्रोटेक्ट फाउंडेशन द्वारा गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब ऋषिकेश में निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया , शिविर का उद्घाटन श्रीमती शशिप्रभा अग्रवाल द्वारा किया गया, इस मौके पर कैन प्रोटेक्ट फाउंडेशन की अध्यक्षा डॉ सुमिता प्रभाकर ने स्तन एवं सर्वाइकल कैंसर की जागरूकता एवं रोकथाम के लिए प्रेजेंटेशन भी दिखाई गई, डॉ सुमता प्रभाकर ने बताया कि इस स्वास्थ्य शिविर का आयोजन विशेष तौर पर महिलाओं को होने वाली बीमारियों की रोकथाम एवं उपचार के लिए किया गया है ।
इस शिविर में निःशुल्क स्तन कैंसर स्क्रीनिंग, निःशुल्क थर्मो मैमोग्राफी कूपन, महिला स्वास्थ बोन डेंसिटी जांच, शुगर, बी पी की जांच के साथ साथ साइकैट्रिस्ट एवं त्वचा रोग के लिए निशुल्क परामर्श की सुविधा भी दी गई ।
शिविर में 210 महिलाओं की जांच डॉ सुमिता प्रभाकर एवं उनके साथ आये डॉक्टर्स की टीम द्वारा की गई एवं आये हुए सभी लोगो को ड़ेंगू से बचाव की जानकारी, बी पी एवं शुगर नियत्रण, एनीमिया के लक्षण उपचार एवं अच्छे स्वास्थ्य कैसे बनाये रखे, स्वयं स्तन पतिक्षण आदि से संबंधित पर्चे भी कैन प्रोटेक्ट फाउंडेशन द्वारा वितरित किये गए।
शिविर का आयोजन श्री सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में किया गया था इस अवसर पर संस्थान की निदेशक चारुल कपाड़िया ने स्वास्थ्य शिविर के सफल आयोजन के लिए कैन प्रोटेक्ट फाउंडेशन की अध्यक्षा डॉ सुमिता प्रभाकर का शुक्रिया करते हुए कहा इस तरह के और भी शिविर कैन प्रोटेक्ट संस्था के साथ और जगह भी आयोजित किये जाएंगे ।
इस मौके पर कैन प्रोटेक्ट फाउंडेशन की अध्यक्षा डॉ सुमिता प्रभाकर ने शिविर में आई सभी महिलाओं को स्तन एवं सर्वाइकल कैंसर की जागरूकता के विषय मे जानकारी दी एवं कहा कि वह भी इस जानकारी को सभी महिलाओं तक पहुंचाए ।
मीडिया से बात करते हुए डॉ सुमिता प्रभाकर ने बताया कि कैन प्रोटेक्ट फाउंडेशन द्वारा महिला स्वास्थ्य एवं महिलाओं को होने वाले कैंसर की रोकथाम के लिए उत्तराखंड के पहाड़ी गांवो में निशुल्क स्वास्थ्य शिविर एवं स्तन कैंसर स्क्रीनिंग शिविर का अयोजन किया जाता रहा है, संस्था की ओर से चलाए जा रहे अभियान ‘आशा की किरण’ एवं ‘मेरी माँ स्वस्थ माँ’ की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया अभी तक 500 आशा एवं आंगनवाड़ी कर्मियों को महिला स्वास्थ्य , कैंसर रोकथाम , माहवारी के समय साफ सफाई पर विशेष ट्रेनिंग दी जा चुकी है और उनका लक्ष्य उत्तराखंड की सभी आशा एवं आंगनवाड़ी कर्मियों को यह परीक्षण देने का है, इसके साथ ही उत्तराखंड के विद्यालयों में भी मेरी माँ स्वस्थ माँ अभियान के तहत कई कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है।