उत्तराखंड सरकार का राज्य के ग्रामीण इलाकों को खुले में शौच मुक्त (ODF) होने का दावा कैग की रिपोर्ट में झूठा निकला है। अधिकारियों ने राज्य के ग्रामीण इलाकों को खुले में शौच मुक्त बताने के लिए आंकडों में खूब खेल किया। कैग की मानें तो मई 2017 में राज्य के ग्रामीण इलाकों के ODF होने का दावा गलत है। सरकार ने 1.8 लाख लाभार्थियों को तो इस एक्शन प्लान में शामिल ही नहीं किया। यानी खुले में शौचमुक्ति की उपलब्धि महज 67 फीसदी ही थी। 22 दिसंबर 2016 तक अल्मोड़ा में 5672 शौचालयों का निर्माण ही नहीं हो पाया था। सामुदायिक स्वच्छता परिसर से जुड़े आंकड़ों में भी अफसरों ने झूठ बोला। मार्च 2017 तक 546 में से महज 63 ही बने थे यानी 11.54 फीसदी। फिर भी अफसरों ने मई में सौ फीसदी का दावा कर दिया। कैग के धरातलीय परीक्षण में 253 शौचालयों में पानी ही नहीं मिला।
कैग की रिपोर्ट आने के बाद अब त्रिवेंद्र सरकार के उन दावों पर सवाल उठने लगे हैं जिनमें राज्य के ग्रामीण इलाकों के ODF होने का दावा किया गया था। बाकायदा एक समारोह का आयोजन किया गया था। देहरादून में हुए इस आयोजन में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने शिरकत की थी।