विशेष संवाददाता। बीजेपी में टिकटों के बंटवारे के बाद विरोध के अलग अलग सुरों के बीच अब विरोध का एक नया एंगल सामने आने लगा है। विरोध की इन आवाजों के केंद्र में विजय बहुगुणा की तस्वीर अब धीरे धीरे उभरने लगी है। बीजेपी के पुराने नेता टिकट बंटवारे के बाद जिस तरह नाराज हो रहें हैं उससे बीजेपी की राह चुनावों में लगातार कांटों भरी होती जा रही है।
भाजपा से जुड़े सूत्र बतातें हैं कि पुराने भाजपाइयों को पार्टी में विजय बहुगुणा के बढ़ते कद और कुनबे दोनों से परेशानी होने लगी है। हरीश रावत सरकार को परेशानी में डालने के पीछे विजय बहुगुणा का गेम प्लान काम आया था। इसके बाद कांग्रेस के दस विधायकों को एक साथ तोड़कर बीजेपी में लाने के पीछे भी विजय बहुगुणा ही थे। हाल ही में विजय बहुगुणा के खासमखास माने जाने वाले यशपाल आर्य भी अपने बेटे के साथ बीजेपी में आ चुके हैं। यशपाल और उनके बेटे संजीव दोनों को ही बीजेपी चुनावों में टिकट भी दे चुकी है।
जाहिर है कि बीजेपी के पुरनिए ये समझने लगे हैं कि पार्टी में विजय बहुगुणा गुट हावी होने लगा है। बहुगुणा गुट के अधिकतर नेताओं को चुनावों में टिकट भी मिल चुका है। अगर ये जीत कर आते हैं तो इनके सहारे बहुगुणा मुख्यमंत्री पद की दावेदारी कर सकते हैं। चूंकि बहुगुणा के पास अपने विश्वस्त नेताओं की तादाद अच्छी होगी इसलिए पार्टी भी उन्हें नकार नहीं पाएगी। फिलहाल बीजेपी के लिए विजय बहुगुणा के गेम प्लान की काट नहीं दिखती। बीजेपी धीरे धीरे अपनी ही बिछाई बिसात में ही मात खाने लगी है।