देहरादून(मनीष डंगवाल)- थराली विधान सभा उपचुनाव को लेकर जहां भाजपा और कांग्रेस ने पूरी ताकत जोझ दी है, वहीं दोनों पार्टियों के स्टार प्रचारकों कि लिस्ट में जो बडे नाम है. वह शायद ही थराली में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे.
थराली विधान सभा चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस ने एक दूसरे को मात देने के लिए हर वो प्लान तैयार किया है जिससे वह एक दूसरे को मात दे सके, लेकिन जो खास प्लान अपने स्टार प्रचारकों के नाम देकर दोनों पार्टियों ने मनोवैज्ञानिक बढत हासिल करने की सोची थी उसमें दोनों फेल होते नजर आ रहे है,क्योंकि दोनों दलों के बडे नाम शायद ही चुनाव प्रचार के लिए थराली पहुंचे।
भाजपा ने जहां राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह,केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत,स्मृति इरानी,यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्नाथ समेत 40 नेताओं के नाम स्टाॅर प्रचारको की सूचि में शामिल किए थे. वहीं इन्ही बडे नाम में से एक भी अभी तक प्रचार के लिए नहीं पहुंचा है। बीजेपी के प्रदेश महामंत्री नरेश बंशल का इसको लेकर कहना कि हां ये बात सही है कि कुछ बडे नाम जो लिस्ट में दिए गए है वह प्रचार के लिए नहीं पहुंचे हो लेकिन उपचुनाव के लिए बडे नाम इसलिए शामिल किए गए थे ताकि जरूरत पडने पर उनहे बुलाया जा सकता है।
भाजपा-कांग्रेस के हाल एक समान
बीजेपी के स्टार प्रचारकों की सूची में बड़े नाम जहां थराली नहीं पहुंचे तो वहीं कांग्रेस का हाल भी बीजेपी से कुछ जुदा नहीं है,कांग्रेस के राष्ट्रीय राहुल गांधी का नाम भी लिस्ट में शामिल है,साथ ही राजबबर,नवजोत सिंह सिद्धू भी कांग्रेस की स्टार प्रचारकों की सूची में जगह पाए थे,लेकिन थराली में प्रचार करने ये स्टाॅर भी शायद ही कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में आए। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना इस को लेकर कहना कि प्ररम्परा के तहत स्टार प्रचारकों के नाम सूची में शामिल किए गए थे।
कुल मिलाकर बीजेपी और कांग्रेस के बडे स्टार प्रचरकों के थराली न पहुंचने से साफ संदेश है कि उप चुनाव को कोई भी पार्टी ज्यादा गंभीरता से नहीं लेती और अगर लेती तो स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल नाम जरूर प्रचार करने पहुंचते हैं.
बहरहाल देखना ये होगा कि प्रदेश स्तर के बड़े नेता जो थराली में बीजेपी और कांग्रेस के लिए प्रचार कर रहे हैं, वह अपनी पार्टी के प्रत्याशी कि लिए किस तरह का माहौल बनाते हैं जिसे उनका प्रत्याशी थराली की जंग जीत सके।