स्मार्टफोन पर बढ़ती निर्भरता के चलते सेहत के लिए कई तरह की समस्याएं भी खड़ी हो रही हैं। अब नए शोध में इसका एक और दुष्परिणाम सामने आया है। इसका दावा है कि मोबाइल फोन के उच्च रेडिएशन से हृदय के आसपास के टिश्यू में ट्यूमर होने का खतरा बढ़ सकता है। इसका सबसे ज्यादा जोखिम महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में पाया गया है।
अमेरिका के नेशनल टॉक्सिकोलॉजी प्रोग्राम के शोधकर्ताओं के अनुसार, मोबाइल फोन से होने वाले उच्च स्तर के रेडिएशन से सेहत के लिए गंभीर खतरा पाया गया है। शोध में जब मोबाइल फोन के रेडिएशन का नर चूहों पर परीक्षण किया गया तो उनके हृदय के आसपास ट्यूमर का विकास पाया गया। जबकि मादा चूहों में ट्यूमर की उत्पत्ति दिखाई नहीं पड़ी। शोधकर्ताओं ने कहा कि यह अभी प्रारंभिक रिपोर्ट है। इस पर अभी और शोध किए जाने की जरूरत है।
ओमेगा-3 सप्लीमेंट हृदय रोग से बचाव में फायदेमंद नहीं
हृदय रोग से बचाव में मछलियों से प्राप्त होने वाले फैटी एसिड की अहम भूमिका मानी जाती है। लेकिन नए शोध में इससे उलट नतीजा सामने आया है। इसका दावा है कि ओमेगा-3 फैटी एसिड सप्लीमेंट से उन लोगों में हृदय संबंधी समस्याओं का जोखिम कम करने में मदद नहीं मिलती है जिनमें इन समस्याओं का खतरा पहले से ही काफी गंभीर होता है।
अमेरिकी शोधकर्ताओं ने नए शोध में पाया कि हृदय रोग के कगार पर खड़े लोगों में ओमेगा-3 फैटी एसिड सप्लीमेंट से लाभ होने की संभावना नहीं के बराबर हो सकती है। पूर्व के अध्ययन में ओमेगा-3 सप्लीमेंट का संबंध अनियमित दिल की धड़कन और धमनियों के अवरुद्ध होने के खतरे को कम करने से पाया गया था। इससे निम्न ब्लड प्रेशर में भी फायदे की बात सामने आई थी।