देहरादून: ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के प्रति जनजागरूकता के मकसद से महिला कल्याण एवं बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य की अगुआई में देहरादून से हरिद्वार के बीच साइकिल रैली राष्ट्रीय राजमार्ग पर ही होगी।
17 सितंबर को रैली के चलते इस व्यस्ततम मार्ग पर जनता को जाम की समस्या से न जूझना पड़े, इसके लिए उन्होंने साइकिल दल के काफिले को अब 15 लोगों तक सीमित कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार जो कार्यक्रम निर्धारित करती है, पुलिस- प्रशासन उसे फॉलो करेगा।
राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य की 17 सितंबर को होने वाली रैली को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाए थे। विपक्ष का कहना था कि मंशा तो ठीक है, लेकिन 500 से ज्यादा लोगों के साइकिल से जाने पर दून-हरिद्वार के बीच जाम की समस्या होने से पब्लिक को परेशानी से जूझना पड़ेगा। रूट डायवर्ट करने पर विचार किया जा रहा था। इस सबके बीच मंत्री ने अपने रूट में कोई बदलाव नहीं किया, बल्कि इसे सूक्ष्म स्वरूप दे दिया।
सीएम दिखाएंगे हरी झंडी
शुक्रवार को विधानसभा में राज्य मंत्री रेखा आर्य ने कार्यक्रम की रूपरेखा रखी। उन्होंने बताया कि साइकिल रैली 17 सितंबर को सुबह साढ़े सात बजे पुलिस लाइन से प्रारंभ होगी, जिसे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। इसके बाद रैली विधानसभा पहुंचेगी, जहां प्रतिज्ञा का कार्यक्रम है। इस अवसर पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की शपथ दिलाई जाएगी।
रेखा आर्य का कहना
रेखा आर्य ने कहा कि वह 15 साइकिल सवारों के दल के साथ हरिद्वार के लिए रवाना होंगी। इससे रैली के दौरान कोई व्यवधान नहीं होगा। उनका कहना है कि एक बार वह जौलीग्रांट में जाम में फंस गई थी। जाम के बीच एंबुलेंस भी फंसी थी, जिसे उन्होंने खुद निकलवाया। उन्होंने कहा कि चूंकि हरिद्वार और देहरादून से बड़ी संख्या में मरीज जौलीग्रांट अस्पताल आते-जाते हैं, पब्लिक को कोई परेशानी न हो इसीलिए रैली में साइकिल सवारों की संख्या सीमित रखी है.
उन्होंने बताया कि हरिद्वार में भी उनके शांतिकुंज पहुंचने पर हरिद्वार की 50 महिलाएं रैली को ज्वाइन करेंगी। रैली के समापन पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी मुख्य अतिथि होंगी।
रेखा आर्य का कहना है कि पिथौरागढ़, चंपावत व चमोली में भी बेटी बचाओ के तहत जनजागरण के कार्यक्रम तय किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी साइकिल यात्रा पवित्र उद्देश्य को लेकर है, लिहाज इसे राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए।