देहरादून : उत्तराखंड में भाजपा सरकार भले ही कितने ही दावे करले की उनकी सरकार जीरो टॉलरेंस पर काम कर रही औऱ किसी भी तरह का भ्रष्टाचार डबल इंजन की सरकार में नहीं हो रहा है. लेकिन चौकाने वाली बात ये है कि घोटाले की बू भाजपा की नगर निगम की सरकार से निकल कर आ रही है.
उस दौरान कुर्सी पर थे मेयर विनोद चमोली थे
जी हां देहरादून नगर निगम में मेयर विनोद चमोली के रहते ‘अमृत योजना’ में भ्रष्टाचार उजागर हुआ है जिसे करोड़ों रुपये की लागत से बनने वाले देहरादून स्थित गांधी पार्क में सौंदर्यकरण के नाम पर बढ़ा घोटाला किया गया है. जिसका खुलासा एक आरटीआई में हुआ.
28 हजार छह सौ रुपये में एक एलईडी लाइट खरीदी गई
दरअसल निवर्तमान पार्षद अजय सिंघल ने गांधी पार्क में बनाए गए बच्चों के पार्क में किए गए खर्च की सूचना के लिए आऱटीआई डाली. जिसमें चौकाने वाला खुलासा हुआ. खुलासे ने नगर निगम अधिकारियों की पोल खोल कर रख दी.
पार्क के निर्माण में पैसों का हेर-फेर
दरअसल डेढ़ करोड़ रुपये के बजट से गांधी पार्क में बनाए गए किड्स जोन में भारी मात्रा में पैसों का हेर-पेर किया गया. हालात यह हैं कि नगर निगम अधिकारियों ने पार्क के लिए एक या दो हजार में नहीं बल्कि 28 हजार छह सौ रुपये में एक एलईडी लाइट खरीदी गई। साथ ही साधारण बेंच की खरीद भी 18 हजार रुपये में की गई।
इन-इन सामानों की कीमत इतनी दर्ज
जानकारी के मुताबिक 120 वॉट की 15 एलईडी की कुल कीमत 4,29,000 रुपये, जबकि पार्क में लगे एक कूड़ेदान की कीमत भी 7900 रुपये बताई गई है। पार्षदों ने दावा किया है कि पूर्व में शहर के लिए यही कूड़ेदान चार हजार में खरीदे गए थे।
दो चरणों में डेढ़ करोड़ रुपये यानी कुल तीन करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव पारित
अमृत योजना के तहत नगर निगम बोर्ड ने गांधी पार्क में दो चरणों में डेढ़ करोड़ रुपये यानी कुल तीन करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव पारित किया था। जिसमें पहले डेढ़ करोड़ से किड्स जोन का काम शुरू हुआ। यहां पर बच्चों के मनोरंजन के लिए टॉय ट्रेन के साथ कई तरह के झूले व पार्क का सौंदर्यीकरण का काम किया गया.
आरोप-भी सामान बाजारी भाव से ज्यादा में खरीदे गए हैं।
निर्वतमान पार्षद अजय सिंघल का आरोप है कि सभी सामान बाजारी भाव से ज्यादा में खरीदे गए हैं। लाइटों व कूड़ेदान के साथ ही पार्क में रोशनी के लिए लगाए गए.
1.12 मीटर ऊंचे तीन हाई मास्ट पोल 1,65,000 रुपये में खरीदे गए। यानि 55,000 में एक पोल खरीदा गया।
2.बिजली फीडर पर लगा एक पिलर 48000 का खरीदा जाना दर्शाया गया है।
3.10 कूड़ेदानों की कीमत 79,200 तो पार्क में लगाई गईं.
4.37 बेंच की कीमत 18,000 प्रति बेंच के हिसाब से 6,66,000 रुपये बताई गई है।
इन्होंने की खरीदे गए सामान की जांच की मांग
अनियमितता के आरोप लगाकर निर्वतमान पार्षदों अजय सिंघल, अमिता सिंह, राजकुमार कक्कड़ ने अमृत योजना के प्रोजेक्ट मैनेजर आशीष कठैत से मुलाकात कर सामान खरीद की जांच की मांग की।
निगम अधिकारियों ने इनके बिलों परीक्षण नहीं किया-अजय सिंघल
अजय सिंघल का आरोप का कहना है कि निगम अधिकारियों ने इनके बिलों परीक्षण नहीं किया। आरोप है कि अधिशासी अभियंता को सभी बिलों व सामान की कीमत की जांच करनी होती है, लेकिन इसे दरकिनार किया गया। ऐसे में निगम अधिकारियों पर भी सवाल उठ रहे हैं। मामले की शिकायत शहरी विकास मंत्री और शासन में भी की गई है।
टॉय ट्रेन को लेकर भी चौंकाने वाला सच सामने आया
और तो औऱ सूचना के अधिकार में मिली जानकारी में टॉय ट्रेन को लेकर भी चौंकाने वाला सच सामने आया है। निगम अधिकारियों ने इस ट्रेन की कीमत 12,50,000 रुपये बताई है, जबकि इसके ऊपर लगाए गए टिन शेड पर 9,96,341 रुपए का खर्च आना बताया है।
नगर आयुक्त विजय जोगदंडे का कहना- नहीं कोई जानकारी
वहीं नगर आयुक्त विजय जोगदंडे का कहना है कि मुझे अभी शिकायत नहीं मिली है। अनियमितता की शिकायत है तो इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी। जो दोषी पाया जाएगा, उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
विनोद चमोली जो कि धर्मपुर से भाजपा विधायक
जांच में अगर पैसों का हेर-फेर सच साबित हुआ तो जीरो टॉलरेंस की सरकार पर ये करार तमाचा साबित होगा क्योंकि उस दौरान मेयर विनोद चमोली थे जो कि धर्मपुर से भाजपा विधायक हैं.