देहरादून। हरीश रावत के मंत्रिमंडल में विस्तार के बाद भी कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। दो नए मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल तो कर दिया गया है लेकिन उनके विभागों का बंटवारा न होने के चलते नए मंत्रियों में बेचैनी बढ़ गई है। हालात किस कदर खराब है, इसका अंदाज़ा महज़ इस बात से लगाया जा सकता है कि मनचाहा विभाग पाने के लिए नवप्रभात वित्त मंत्री के घर के चक्कर लगा रहे हैं। सूत्रों की माने तो नवप्रभात इंदिरा ह्रद्येश के जरिए मुख्यमंत्री हरीश रावत पर दबाव बनाने की कोशिश भी कर रहे हैं। वहीं विभाग का बंटवारा न होने के पीछे मंत्रिमंडल की बढ़ती रार की संभावनाओं से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। वहीं वित्त मंत्री इंदिरा ह्रद्येश ने भी इस देरी पर नाराज़गी जताई है। इंदिरा ह्रद्येश ने मंत्रियों को जल्द विभाग दिए जाने की नसीहत दी है।
हालांकि नवप्रभात ने खुद को मंत्री ऑन रेस्ट बताया है।नवप्रभात की माने तो वो अभा मंत्री ऑन रेस्ट हैं। नवप्रभात ने उन चर्चाओं को सिरे से खारिज किया जिनमें विभागों के आवंटन को लेकर दबाव बनाने को कहा जा रहा है। नवप्रभात ने कहा है कि विभागों के आवंटन को लेकर उनकी और मुख्यमंत्री की कोई बातचीत नहीं हुई है।
नए मंत्रियों के पोर्ट फोलियो में हो रही देरी को लेकर राजनीतिक गलियारों में भी खूब चर्चाएं हो रहीं हैं। चर्चाओं के मुताबिक नवप्रभात जिन विभागों को चाहते हैं मुख्यमंत्री हरीश रावत उन विभागों को अपने पास ही रखना चाहते हैं।