संवाददाता। रुद्रप्रयाग – 2013 की केदारनाथ आपदा में फंसे वाहनों के मालिक, चालक, परिचालकों को जल्द मुआवजा मिलेगा। प्रशासन ने मुआवजा बांटने की कार्रवाई शुरू कर दी है। साल 2013 में आई केदारनाथ आपदा में सड़क बहने से वाहन जहां के तहां फंस गए थे और छह माह से अधिक समय तक जहां है जैसे हैं कि स्थिति में खड़े रह गए। जिससे उस दौरान उनके सामने रोजी-रोटी का संकट भी पैदा हो गया था। वाहन न चलने से उन्हें अपने परिवार का खर्चा चलाने के साथ ही रोड टैक्स, इंश्योरेंस, वाहन की किस्त चुकाने में काफी दिक्कतें झेलनी पड़ी थी। इसको देखते हुए वाहन स्वामियों ने सरकार से मुआवजे की मांग की थी। जिले के दौरे के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने वाहन स्वामियों, चालकों एवं परिचालकों को मुआवजा देने की घोषणा की थी। शासन की ओर से अन्य सभी मदों में मुआवजे का भुगतान लगभग पूरा हो गया था, लेकिन वाहन चालकों को नहीं मिल सका था। इसको लेकर टैक्सी एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने कई बार सरकार से वार्ता की, जिसके बाद परिवहन विभाग ने जिले से 602 वाहनों की सूची तैयार कर डीएम के माध्यम से शासन को भेजी थी। लगभग तीन वर्ष बाद वाहन स्वामियों के लिए 1.74 करोड़ का मुआवजे की राशि डीएम के खाते में शासन की ओर से अवमुक्त हो गई है। इस बार मुआवजा पात्र व्यक्ति को मिले, इसके लिए परिवहन विभाग ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है। पूर्व में फर्जी तरीके से बंटे मुआवजे को लेकर इस बार प्रशासन सख्त है। जिले के कुल 602 वाहनों की सूची में यह देखा जाएगा कि इसमें कितने वाहन स्वामी थे, कितने चालक और कितने परिचालक थे। इसके साथ ही कितनों को इंश्योरेंस मिल चुका हैं। मुआवजे के लिए मानक भी तय किए गए हैं। छह महीने से अधिक समय तक फंसने वाले वाहन मालिक को 50-50 हजार एवं चालक व परिचालक को 10-10 हजार तथा छह माह से कम समय तक वाले वाहन मालिकों को 25-25 हजार एवं चालक व परिचालक को 5-5 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।