संवाददाता- एन.डी.तिवारी आज 91 साल के हो गए हैं। कई राजनैतिक उतार चढाओं के बीच सच यही है कि एन डी तिवारी का कद लगातार बढ रहा है। 16 साल के नाबालिग राज्य उत्तराखंड में अकेले तिवारी ही ऐसी शख्सियत हैं जिन्होंने निष्कंटक बतौर मुख्यमंत्री राज किया। जब तिवारी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री थे तब लगभग आधा दर्जन से अधिक मामलों पर दिल्ली तलब होने पर यह अफवाहें भी उड़ती रही कि तिवारी अब-गए तब-गए। मगर तिवारी का कद तब भी कांग्रेस हाई कमान पर हावी रहा। उपलब्धियों के तौर पर देखा जाए तो बाहर की ब़ड़ी कंपनियों को उत्तराखंड में लाने का श्रेय केवल और केवल नारायण दत्त तिवारी को ही जाता है। राज्य के विकास में इस योगदान के चलते ही उन्हे विकास पुरुष का तमगा मिला। नारायण दत्त तिवारी के राजनैतिक अनुभव का लाभ काफी हद तक उत्तराखंड राज्य को मिला। ज्यादातर कंपनियां जो आज भी उत्तराखंड की शान बनी हुई हैं असल में वह नारायण दत्त तिवारी की ही देन हैं।विवादित रूप में राज्यपाल के पद से हटाए जाने के बाद भी तिवारी हाशिए पर कभी नही आए। पितृत्व को लेकर देश भर में चर्चा में आए तिवारी ने बाद उस समय विवाह किया जिस समय आमतौर पर वृद्ध नाती-पोतों का सुख लेते हैं। ये तिवारी का ही व्यक्तित्व है कि इस उम्र में भी हमेशा चर्चाओं मे बने रहते हैं। कांग्रेस उन्हें आज तक नकार नहीं सकी। उनके समक्ष कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता नतमस्तक हो रहे हैं तो उत्तरप्रदेश में भी तिवारी का जलजला कायम है।