टिहरी- पहले सूखे ने सताया फिर बेहिसाब बारिश ने रूलाया । उत्तराखंड के पहाड़ी इलाके की खेती के लिए इस बार मौसम मुफीद नही रहा। टिहरी जिले में 90 हेक्टेयर कृषि भूमि भारी बरसात के चलते तबाह हुई है। पहाड़ी नदी नाले इस बार विकराल होकर बहे हैं या बह रहे हैं। कही इन नदी नालों ने अपना रूख बस्तियों की ओर किया तो कहीं खेतों पर कहर बन कर टूटी।
जिले के भिलंगना ब्लॉक में इस बार आपदा से 70 हेक्टेयर खेती बाड़ी तबाह हुई है। जबकि प्रतापनगर में तकरीबन 4 हेक्टेयर कृषि भूमि आपदा के मलबे में दबकर नक्शे से ही गायब हो गई हैं। जिले के हर ब्लॉक का यही हाल है। नुकसान के सही आंकलन के लिए जिला प्रशासन ने टीम बना दी है। जल्द ही नुकसान की रिपोर्ट तैयार हो जाएगी। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि पहले हीं बंदरों और सुअरों के आतंक से परेशान पहाड़ी खेती पर अब बरसाती आपदा का इतना कहर क्यों टूट रहा है । बारिश तो पहले भी होती थी लेकिन जानमाल का इतना नुकसान नही होता था। कोई न कोई वजह तो है जो अतिवृष्टि का साथ दे कर आपदा को हवा दे रही है।