पौड़ी – जिले के जयहरीखाल विकासखंड में 8 गांव ऐसे हैं जिनकी प्यास बुझाने का सरकारी प्रयास पिछले 3 साल से सफल नही हुआ। सरकारी प्रयास की रफ्तार कितनी तेज है इसका अंदाजा इस बात से लग जाता है कि पिछले 3 सालों से तकरीबन ढाई करोड़ की लागत से बनने वाली बिलंगी-सेंधी पम्पिंग योजना पर काम ही हो रहा है। इस पम्पिंग योजना ने विकासखंड के 8 गांवों की प्यास बुझानी थी लेकिन विभाग की सुस्त रफ्तार के चलते आज तक महकमा गांव वालों की प्यास नही बुझा पाया है। मजबूरन ग्रामीणों को दूर-दराज के प्राकृतिक स्रोतों से पानी ढोना पड़ रहा है।
जयहरीखाल ब्लॉक के जोगटा, सेंधी, गुणेथा, बस्यूर, चौकसेरा, सेंधीलगा ढौंर, मंझोला बड़ा, और मंझोला छोटा जैसे गांवों में पानी की किल्लत को देखते हुए सरकार ने साल 2013 में तकरीबन ढाई करोड़ रूपए की लागत से बिलंगी-सेंधी पंपिग योजना को मंजूरी दी थी। मंजूरी से लेकर अब तक इस योजना पर काम चल रहा है लेकिन पंपिग योजना पूरी नही हो पाई है। हालांकि जल निगम का दावा है कि बिलंगी-सेंधी पम्पिंग योजना पर ज्यादातर काम पूरा हो चुका है बस कुछ गांवों में अभी पानी नही पहुंच पाया है।
जबकि गांव वालों का कहना है कि पेय जल निगम की रफ्तार बेहद सुस्त है । जल संस्थान से गाव में जल संयोजन लाइन बिछाने का अनुरोध किया जाता है लेकिन उनकी फरियाद हर बार अनसुनी रहा जाती है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इन गांव के ग्रामीणों की खता क्या है जो तीन साल से पानी- पानी कराह रहे हैं।