बाल श्रमिकों के लिए काम करने वाले नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी व उनके साथी उत्तराखंड में भी बचपन बचाओ आंदोलन को तेज करेंगे। बाल शोषण व बाल तस्करी के खिलाफ यहां पर चौतरफा कार्य किये जाएंगे। कैलाश सत्यार्थी के नेतृत्व में बाल यौन शोषण व तस्करी विरोधी अखिल भारतीय यात्रा 13 अक्तूबर को देहरादून पहुंचेगी।
उत्तरांचल प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कुमाऊं सेवा समिति की जया मिश्रा और श्री गुरू राम राय पीजी कालेज में एमएसडब्लू की विभागाध्यक्ष डा. नेहा शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड में भी बाल मजदूरी और मानव तस्करी गंभीर समस्या बनती जा रही है। यहां पर भी यौन शोषण की घटनाएं बढ़ रही हैं।
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो और राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 2011 से लेकर 2015 तक दो हजार से अधिक बच्चों के लापता होने के मामले दर्ज किये गये।
बच्चों का लैंगिक शोषण और उनकी तस्करी एक ऐसा मुद्दा है जो निरंतर गंभीर हो रहा है। प्रदेश में बचपन बचाओ आंदोलन को शक्तिशाली बनाया जाएगा। उत्तराखंड में इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए शोध से लेकर जमीनी कार्य किये जाएंगे।