हरिद्वार- कथनी और करनी में अंतर होता है ये बात साबित करता बेटी बचाओ का नारा है क्योंकि ये नारा सिर्फ लफ्जो तक ही सीमित रह गया है। नारा देने के लिए आम नागरिक, कार्यकर्ता, शासन व प्रशासन सडकों पर उतरने में देर नहीं करते लेकिन जब बात सच में बेटियों को बचाने की सामने आती है तो सब मौन रहते हैं. रुड़की में लगभग एक माह पूर्व लड़की ओर उसके परिजन के साथ हुए दुर्व्यवहार पर प्रशासन का कार्यवाही न करने के रवैये ने पूरी तरह से इस बात को सही साबित कर दिया।
पूरा मामला रुड़की के श्यामनगर का है, जहां लगभग एक माह पूर्व दो पक्षों में कुत्ते को लेकर जमकर विवाद हुआ. मामला बढ़ते-बढ़ते इतना बढ़ गया कि मारपीट तक जा पहुंचा। जिसकी तहरीर दोनों पक्षों ने थाने में दे दी।
6 महीने पहले लड़का करता था पीड़िता से छेड़छाड़
वहीं एक पक्ष की माने तो ये विवाद 6 महीने पूर्व शुरू हुआ जहां मनीष नामक लड़का उनकी बेटी के साथ छेड़छाड़ करता था। पहले तो नाबालिग लड़की ने लड़के की छेड़छाड़ को अनदेखा करती रही, पर जब लड़की ने छेड़खानी ज्यादा बढ़ती दिखी तो उसने अपने परिजनों से उसकी शिकायत की। जिसके बाद लड़की के पिता ने लड़के के घर जा लडके और लड़के के परिवार को इसकी जानकारी दी और समझाया पर उसके बाद भी लड़के की छेड़छाड़ नहीं रुकी।
कुत्ते को घुमाने के बहाने आता लड़की के घर के बाहर
लड़की के पिता का आरोप है कि लड़का अपने कुत्ते को घुमाने के बहाने से लड़की के घर के बाहर आता और उसे आपतिजनक शब्द कहा करता था। और 27 तारिक को भी लड़का लड़की के घर के बाहर कुत्ते को घुमाने के बहाने उसे छेड रह था. जिसकी शिकायत लड़की ने अपने पिता से की। लड़की के पिता गुस्से में लड़के को फटकारा तब तो लड़का शांति पूर्वक वहा से चला गया। फिर उसके बाद लड़का कुछ और लोगो के साथ लड़की के घर मे घुस गया। जहां लड़के ने लड़की के परिजनों के साथ मारपीट की ओर लड़की के कपड़े फाड़ कर उसे घसीटता हुआ घर से बाहर ले गया और लड़की को उठा कर ले जाने की धमकी दी। परिजनों ने लड़की को किसी तरह छुड़वाया। ओर तुरन्त बाद थाने पहुंच कर शिकायत दर्ज कराई। जिसको लगभग एक माह होने को आया है और अब तक कोई कार्यवाही नही की गई है।
छह महीनों से कर रहा था बहुत परेशान-पीड़िता
वहीं इस पर पीड़िता का कहना है कि लड़का उसे छह महीनों से बहुत परेशान कर रहा था पर अब जो घटना हुई है उसे उनका पूरा परिवार डर क कारण घर से निकल भी नही पा रहे है। वही पीड़िता के पिता का कहना है कि लड़के पक्ष द्वारा उन्हें धमकी भी गयी है जिसके कारण वह डर के साए में ज़िन्दगी गुजर रहे है।
दूसरे पक्ष का कहना ये पूरा मामला झूठा
वही इस विवाद में दूसरे पक्ष की माने तो उनका कहना है कि ये पूरा मामला झूठ है। जिसे मोड़-तरोड़ कर गलत तरीके से पेश किया जा रहा है..मामला यह था की उनकी घर की महिला पर लड़की के पिता की गन्दी नजर थी..एक दिन घर पर किसी के मौजूद न होने पर वेह घर में घुस आया और महिला के साथ बदतमीजी की..जिसका विरोध मौके पर पहुंचे महिला के पुत्र ने किया. जिसके बाद कुत्ते का बहाना कर लड़के को बाहर ले जाकर पीटने लगा.. और पुलिस को गुमराह कर उन्हें ओर उनके परिवार को इसमें फंसाया जा रहा है।
इस पूरे विवाद पर पुलिस का कहना है कि दोनों पक्षों की तेहरीर के आधार पर मुक़दमा दर्ज कर लिया गया है.. जल्द ही जाँच कर उचित कार्यवाही की जाएगी. बड़ा सवाल ये है कि क्या पुलिस कोई अनहोनी होने का इंतजार में बैठी है- 6 महीने बीत चुकें है लेकिन अब तक कोई कार्रवाही न होना पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े करता है.