नैनीताल- सूबे की टीएसआर सरकार को हाईकोर्ट से करारा झटका लगा है। नैनीताल हाईकोर्ट ने सरकार के उस फैसले पर सवालिया निशान लगा दिया है। जिसके तहत सरकार ने श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति को भंग करते हुए नयी समिति के गठन का आदेश दिया था।
सरकार ने पुरानी मंदिर समिति को भंग करते हुए सचिव धर्मस्व को नई समिति गठित होने तक मंदिर समिति का प्रशासक घोषित किया था।
दरअसल सरकार के इस फैसले के खिलाफ जहां केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने ऐतराज जताया था । रावत ने कहा था कि मंदिर समिति भंग होने से यात्रा की तैयारियों पर गलत असर पड़ेगा।
जबकि भंग की मंदिर गई समिति के सदस्य डी एंड डी यानि दिनकर बाबुलकर और दिवाकर चमोली ने सरकार के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में रिट दायर की थी।
याचिका मे सरकार पर आरोप लगाया गया था कि सरकार ने मंदिर समिति को असंवैधानिक तरीके से भंग किया है। जिस पर सुनवाई करते हुए न्यामूर्ति सुधांशु धूलिया की एकल खंड पीठ ने जहां सरकार से जवाब तलब किया है वहीं नई मंदिर समिति के गठन पर रोक भी लगा दी है