टिहरी- जौनपुर के सकलाना पट्टी क्षेत्र में ऊर्जा निगम की लापरवाही हंसते-खेलते बच्चों की जान पर भारी पड़ गई. निगम की लापरवाही से एक बच्ची की जान चली गई। स्कूलों बच्चों पर किसकी लापरवाही से करंट लगा घटना के 22 दिन बाद भी अधिकारी जांच पूरी नहीं कर पाए हैं। एक मां-बाप के लिए इससे बुरा समय क्या होगा जब उसके तीनों बच्चे जिंगदी औऱ मौत के बीच झूल रहे थे, जिसमें से एक बच्ची ने दम तोड़ दिया जबकि दोनों बच्चे अपंग हो गए.
22 दिन से आईसीयू में भर्ती रीतिका ने शनिवार देर शाम तोड़ा दम
बीते 20 अप्रैल को टिहरी जिले के सकलाना पट्टी के मरोड़ा गांव के राजेंद्र सिंह का बेटा शशांक (5), चंदन सिंह की बेटी रीतिका (11) और उसकी छोटी बहन लक्ष्मी (8) स्कूल से घर लौट रहे थे। रास्ते में तीनों बच्चे बिजली के खंभे पर आ रहे करंट से झुलस गए। जिला अस्तपाल बौराड़ी में प्राथमिक उपचार के बाद उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें हायर सेंटर महंत इंदिरेश अस्पताल देहरादून रेफर किया। 22 दिन से आईसीयू में भर्ती रीतिका ने शनिवार देर शाम दम तोड़ दिया। लक्ष्मी और शशांक दोनों अपंग हो चुके हैं जिनका उपचार चल रहा है। रीतिका के परिजनों का रो-रोककर बुरा हाल है।
नहीं मिल पाया अब तक मुआवजा
वहीं सीएम ने पीड़ित परिवारों को दो-दो लाख मुआवजा देने की घोषणा की थी, लेकिन दो सप्ताह बाद भी पीड़ितों को मुआवजा नहीं मिल पाया है।
झूलते तार दे रहे दुर्घटना को न्योता
नैनबाग। जिला पंचायत सदस्य अखिलेश उनियाल का कहना है कि क्षेत्र में बिजली की झूलती तारें और जर्जर खंभे हादसे को न्योता दे रहे हैं। वर्ष 1984 के बाद से बिजली की लाइनों की मरम्मत नहीं की गई है। पुरानी लाइनों में इंसुलेटर न लगाकर जंपर लग दिया जाता है, जिससे भविष्य में भी खतरा बना हुआ हैं।
लापरवाही करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
इधर यूपीसीएल एमडी बीसीके मिश्रा का कहना है कि ये जौनपुर के मरोड़ा की घटना दुखद है। इस घटना की जांच हो चुकी है। सोमवार तक जांच रिपोर्ट मिल जाएगी। रिपोर्ट में यदि विभागीय अधिकारियों की लापरवाही पाई गई, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। रिपोर्ट आने के बाद ही पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाएगा।
वहीं डीएम टिहरी सोनिका का कहना है कि सीएम की घोषणा पर पीड़ित परिवारों को मुआवजा जरूर दिया जाएगा। मुआवजा देने की कार्रवाई चल रही है।