देहरादून- लगता है पूर्व सीएम हरीश रावत के तीखे सवालों पर केंद्र सरकार गंभीरता से मनन करती है।
ये बात इसलिए कही जा रही है कि कांग्रेस से नाता तोड़कर भाजपा में शामिल हुए राज्य के उन सभी विधायकों को केंद्र सरकार से अब करारा झटका लगा है, जिन्होंने चुनावी साल में पाला बदलकर भाजपा से नाता जोड़ा था।
केंद्र सरकार ने उन विधायकों की ‘Y’ श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश जारी किया है। जिन्होंने कभी सूबे में हरीश रावत की सरकार को गिराने की पूरी कोशिश की थी। उस वक्त केंद्र ने बागी विधायकों को सीआईएसएफ का सुरक्षा दस्ता मुहैय्या करवाया था। अभी तक कांग्रेस के उन सभी बागी विधायकों को CISF की Y केटेगरी की सुरक्षा की प्रदान गई थी।
गौरतलब है कि 18 मार्च 2016 को विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस के 9 विधायक बगावत करके बीजेपी में शामिल हुए थे। जबकि बाद में मौजूदा पशुपालन और महिला बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्य भी कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुई थी।उस वक्त केंद्र सरकार ने सभी बगावती तेवर अपनाने वाले विधायकों को ‘Y’ श्रेेणी की CISF जवानों वाला सुरक्षा दस्ता नवाजा गया था।
लेकिन अब 9 विधायकों से ये आला दर्जे का सुरक्षा दस्ता वापस ले लिया है। हालांकि खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन पर अभी केंद्र सरकार मेहरबान है और उनकी खिदमत में अभी ‘Y’ केटेगरी की सुरक्षा बरकरार है। काबिलेगौर बात ये है कि बागियों को केंद्र से मिली ‘Y’ श्रेणी की इस सुरक्षा इंतजामात को लेकर सूबे के पूर्व सीएम हरीश रावत ने कई बार सवाल उठाए थे।