हल्द्वानी- बुद्ध पार्क में पिछले चार दिनों से धरने पर बैठे मृतक ट्रांसपोर्टर कारोबारी प्रकाश पांडे की पत्नी की स्थिति नाजुक होती जा रही है। आज उनका ब्लड प्रेशर कम होने पर डॉक्टरों ने परीक्षण किया। वहीं, सरकार के उदासीन रवैये के चलते मृतक के परिजनों ने भी अब सरकार से इच्छामृत्यु की मांग की है।
पत्नी की तबीयत बिगड़ी, भर्ती होने से किया इंकार
प्रकाश पांडे की पत्नी कमला पांडे की तबीयत बिगड़ने की सूचना मिलने के बाद डॉक्टरों की टीम भी धरना स्थल पर पहुंची और उनका चेकअप किया। इस दौरान डॉक्टरों से कमला को अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी। जिसे कमला ने इन्कार दिया। उन्होंने कहा कि जबतक सरकार परिवार से किया गया वादा पूरा नहीं कर लेता वह धरने से नहीं हटेंगी।
मृतक की पत्नी का कहना है कि उनके परिवार की माली स्थिति दिनों दिन खराब होती जा रही है। परिवार के पास ऐसा कोई आय का जरिया नहीं है जिससे दैनिक खर्चे उठाये जा सके। आर्थिक स्थिति बेहद खराब होने से परिवार सड़क पर उतरने के लिये मजबूर है।
गौरतलब है कि सरकार के ओर से मृतक के अंतिम संस्कार के दिन आर्थिक मदद और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की घोषणा के बाद ही शव का अंतिम संस्कार रानीबाग के चित्रशिला घाट पर किया गया था।
मृतक के परिजनों को जिलाधिकारी ने सरकार की प्रतिनिधित्व करते हुये 12 लाख की आर्थिक मदद व पत्नी को नौकरी देने की बात कही थी लेकिन अब सरकार अपने फैसले से पलट गई है।
कैसे घटी थी पूरी घटना?
दरअसल, बीती 6 जनवरी को देहरादून बीजेपी ऑफिस में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल का जनता दरबार लगा था। कृषि मंत्री जनसुनवाई कर ही रहे थे तभी काठगोदाम नैनीताल निवासी प्रकाश पांडे ने जहर का सेवन कर लिया। बताया जा रहा है कि प्रकाश पांडे का नोटबंदी और जीएसटी के चलते कारोबार ठप हो गया था और वो त्रिवेंद्र सरकार को पूरी तरह से नाकाम बता रहा था।
जल्दी-जल्दी में व्यक्ति को प्राइवेट गाड़ी से दून अस्पताल पहुंचाया गया। फरियादी को आनन-फानन में आइसीयू में भर्ती करवाया गया जहां उसे 24 घंटे के लिए ऑब्जरवेशन में रखने की बात कही गई थी। व्यक्ति की हालत गंभीर होते देख डॉक्टरों ने उसे मैक्स हॉस्पिटल रेफर कर दिया। लेकिन मैक्स अस्पताल में इलाज के दौरान पांडे की मौत।
बढ़ते विरोध और विपक्ष के दवाब को देखते हुये सीएम त्रिवेंद्र रावत ने पहले तो प्रकाश पांडे की पत्नी को सरकारी नौकरी और 12 लाख रुपये की मदद का आश्वासन दिया था। सीएम की इस घोषणा के बाद मृतक के परिवार का रोष थोड़ा कम हुआ था और वो ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे को अंतिम विदाई दी गई थी। मामला थोड़ा शांत होते ही मुख्यमंत्री खुद की ही घोषणा को भूल गये। उनका कहना है कि जैसे अन्य लोगों को मुआवजा दिया जाता है वैसे ही इन्हें भी दिया जाएगा।