हल्द्वानी- भले ही सरकार अपनी गलती की ठीकरा हेली कंपनियों पर फोड़ रही हो लेकिन ये तो साफ है कि हेली कंपनियों की कुछ न कुछ तो नाराजगी जरुर है तभी इतने दर्दनाक हादसे में बचाव कार्य करने में देरी की. क्योंकि जो मंजर था उसे देख किसकी दिल नहीं पसीजेगा.
जीहां पौडी में कल हुए बस हादसे के दौरान राहत और बचाव कार्य में हेली कम्पनियों द्वारा 3 घण्टे से अधिक की देरी का मामला अब तूल पकडता जा रहा है, प्रदेश के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने हेली कम्पनियों द्वारा की देरी को दूर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सरकार से कम्पनियों के लाईसेन्स रद्द करने की बात कही.
हेली कम्पनियों का बकाया भुगतान नहीं किया गया था
जानकारी के मुताबिक सरकार द्वारा हेली कम्पनियों का बकाया भुगतान नहीं किया गया था जिस पर हेली कम्पनियों ने राहत और बचाव के कार्य के समय साफ तौर से इंकार कर दिया था जिसके बाद से सरकार की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में है।
कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का कहना है की ऐसे दुःख के समय मे हेली कम्पनियों को मानवता का परिचय देते हुए तत्काल राहत और बचाव कार्य मे अपने हेलीकॉप्टर लगाने चाहिए थे, लेकिन कम्पनियों ने ऐसा नहीं किया जो की बेहद निनंदनीय है जिस पर कडी कार्यवाही की जानी चाहिए.
उन्होंने कहा की कम्पनियों द्वारा की गई लापरवाही का सरकार पूरी तरह से संज्ञान लेगी और भविष्य मे इस तरह से घटना दोबारा से ना हो इसके लिए इन हेली कम्पनियों के साथ बातचीत भी की जायेगी.