देहरादून – आईएसबीटी से लेकर घंटाघर तक मॉडल रोड बनाए जाने की सरकार की कवायद ना जाने कहां खो गई है. या मॉडल रोड बनाने के लिए खाली डींगे हांकी गई ये तो दिखता नजर आ रहा है. आपको बता दें शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक नें आईएसबीटी से लेकर घंटाघर की रोड़ को मॉडल रोड़ बनाने की कवायद शुरु की थी. निरीक्षण करते हुए उन्होंने आई.एस.बी.टी से घण्टाघर तक मॉडल रोड बनाने हेतु के निर्देश दिये। जिसके बाद उन्होंने शहर में अतिक्रमण मुक्त अभियान में तेजी लाने के निर्देश भी दिये थे। उन कुछ दिनों तो खूब फूर्ति दिखाई गई. लेकिन अब ना जाने वो आदेश और निर्देश कहा चले गए, वो फूर्ति कहां चली गई…एक तरफ वन मंत्री हरक सिंह रावत अपना महकमा, अपनी जिम्मेदारी भूल गए तो वैसे ही शहरी विकास मंत्री भी शहर के मॉल रोड की बात भूल गए. राज्य में जंगल धधक रहे हैं ऐसे में ना जाने वन मंत्री हरक सिंह रावक कहां सोए हैं.
काश ऐसा होता
काश ऐसा होता कि मंत्री-विधायक एक दूसरे को एक-दूसरे का काम याद दिलाते तो उत्तराखंड के जंगल यू धधक कर जल नहीं रहे होते और शायद देहरादून में मॉडल रोड़ बनकर तैयार हो जाती. उन दिनों खूब पुलिस फोर्स लगाई गई, खूब चिल्लम-चिल्ली हुई, लोगों के घरों को तोड़ा गया, लेकिन फिर काम के अधूरेपन का क्या कारण है.
कहां गया अतिक्रमण मुक्त अभियान
आईएसबीटी से लेकर घंटाघर को मॉडल रोड़ बनाने के निर्देश के बाद कुछ दिन अतिक्रमण हटाने का अभियान चला. सड़को में जनता को और गरीब दुकानदारों को परेशान किया गया. लेकिन अब पता नहीं वो मॉडल रोड़ बनाने की कवायद कहां गई. न जाने वो हवा कहां की और मुड़ गई. अब न तो कोई अतिक्रमण मुक्त अभियान नजर आता है और न ही अतिक्रमण हटाने या रोड़ मॉडल बनाने की बात की जाती है.
कुछ ही दिन चली हवा, अब दफन
अतिक्रमण हटाकर मॉडल रोड बनाने की हवा सिर्फ कुछ ही दिन चला अब शायद ये कवायद मिट्टी के नीचे दबा दी गई है ठीक वैसे ही जैसे वेस्ट या फालतू चीजों को दफना दिया जाता है. ठीक वैसे ही मॉडल रोड़ का सपना भी दब कर रह गया. अब उसे कब औऱ कैसे बाहर लाया जाएगा, निकाला जाएगा ये तो सरकार ही जाने या शहरी विकास मंत्री ही जाने.
क्या ये है इसकी वजह, सरकार को इसका डर
निकाय चुनाव करीब है. गर्मी भी पड़ ही रही है. सरकार कहीं ये तो नहीं सोच रही कि अगर अतिक्रमण हटाया गया तो जाहिर है विरोध भी होगा और ऐसे में कही वोट बैंक कम न हो जा जाए. जाहिर सी बात ही कि गर्मी के दिनों में अतिक्रमण हटाया गया तो सड़कों पर जाम लगेगा, तपती गर्मी से जनता का हाल बेहाल हो जाएगा और ऐसे में जनता की जबां पर क्या होगा सब जानते हैं. शायद इसी को देखते हुए सरकार ने अपनी कवायद को ठंडे बस्ते में डाल दिया. ताकि लोगों का पारा गर्म न हो. निकाय चुनावों ने मॉडल रोड़ बनाने की कवायद को पीछे कर दिया है.
नालियों का निर्माण रुका
आपको बता दें उन दिनों मॉडल रोड पर आईएसबीटी से लेकर घंटाघर तक नालियों का निर्माण शुरू किया गया था. इस इलाके में बरसात के दौरान लगातार जल भराव को ध्यान में रखकर ड्रेनेज सिस्टम पर फोकस किया गया था. लेकिन नालियों का काम 90 परसेंट तक पूरा होने के बाद अब ठप है. इसकी क्या वजह है ये भी विभाग खुलकर नहीं बता रहे. हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि विभाग ने नालियां बना दी हैं, लेकिन इनका पानी कहां जाएगा ये व्यवस्था पहले नहीं देखी गई. इसलिए अब नालियों का काम रोक दिया गया है.