देहरादून- उत्तराखंड सचिवालय प्रशासन ने सचिवालय की गोपनियता को लेकर नया आदेश जारी किया है। अब पत्रकार सचिव के दफ्तर में नहीं जा पाएंगे। मुख्य सचिव उत्पल कुमार की तरफ से आदेश जारी हुआ कि किसी भी सचिव के दफ्तर में पत्रकार नहीं आएंगे। इसका उल्लंघन करने पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने कार्रवाई करने की बात कही है।
27 दिसंबर को जारी हुए इन आदेशों में कहा गया कि सरकार की कैबिनेट बैठक से पहले ही कई प्रस्ताव मीडिया में बाहर आने लगते हैं। आदेशों में कहा गया है कि सरकार के कुछ संवेदनशील फैसलों पर गोपनियता जरूरी है। मुख्य सचिव ने लगभग 8 बिंदुओं को लिखकर तमाम सचिवों के पास भेजा है।
आदेशों में साफ कहा गया है कि अगर एक विभाग से दूसरे विभाग में कोई पत्र आता है, तो उसे एक बंद लिफाफे में भेजा जाएगा। ये लिफाफा ठीक उसी सचिव के पास भेजा जाए, जिसके लिए वह पत्र लिखा गया है। आदेश में कहा गया है कि उस सचिव के अलावा कोई भी उस लिफाफे को ना खोले।
बड़ा सवाल ये है कि अगर सरकार पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ जनता के हित में काम कर रही है तो फिर ऐसा फैसला लेने की क्या जरूरत आन पड़ी. जरुर यह फैसला सरकार के मन के डर को बता रहा है या यूं कहे यह फैसले शासन के भीतर पनप रहे डर को दिखा रहा है। मीडिया को सचिवों से बात करने से रोकना कहीं न कहीं सरकार को किसी बात को लेकर डर है.