लॉकअप में किशोर की मौत
कोतवाल समेत चौकी इंचार्ज और दो सिपाहियों पर गिरी निलंबन की गाज
काशीपुर, सोनू जैन – पुलिस हिरासत मे हुई किशोर की मौत ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद तूल पकड़ लिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पिटाई की पुष्टि होने के बाद मृतक के परिजनों ने अस्पताल से लेकर कोतवाली और चौकी तक जमकर हंगामा काटा और पुलिस के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।
मामला बढ़ता देख एसडीएम दयानंद सरस्वती और अपर पुलिस अधीक्षक समेत आसपास के थाना क्षेत्रों की पुलिस भी मौके पर पहुंच गए। जिस पर प्रशासन ने फौरन एक्शन लेते हुए काशीपुर कोतवाल, एक इंस्पेक्टर और दो सिपाहियों पर निलंबन की गाज गिरा दी है।
मामले की नजाकत भांपते हुए काशीपुर के एएसपी डॉ. जगदीश चंद, और एसडीएम दयानंद सरस्वती ने काशीपुर कोतवाली प्रभारी ओमप्रकाश शर्मा, कटोराताल पुलिस चौकी इंचार्ज प्रवीण सिंह, बलवंत सिंह उर्फ़ बल्लू और निगरानी में तैनात विरेंद्र दत्त को फौरन निलंबित कर दिया। बहरहाल पुलिस हिरासत में हुई किशोर की मौत ने काशीपुर पुलिस को सवालों के घेरे में ला दिया है।
गौरतलब है कि किशोरी को भगा ले जाने के आरोप में पुलिस ने जियाउद्दीन रजा नाम के एक सोलह साल के युवक को तीन दिन तक लॉक-अप में बंद रखा था। बीती रात आरोपी लड़के के परिजनों को खबर लगी की जियाउद्दीन की पुलिस हिरासत में मौत हो गई है। परिजनताल कटोरा चौकी पहुंचे लेकिन वहां चौकी मे परिजनों को कोई पुलिस नहीं मिली। नतीजनतन किशोर के परिजन एल.डी.भट्ट राजकीय चिकित्सालय पहुंचे जहां किशोर का शव रखा हुआ था।
किशोर की मौत की खबर फैलते ही आसपास के लोग अस्पताल परिसर में जमा होने लगे और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने किशोर को न केवल पीटा है बल्कि गला घोंटकर मार दिया है। हालांकि पीएम रिपोर्ट में मार-पिटाई की पुष्टि होने की बात सामने आने की खबर मिल रही है। हकीकत क्या है ये तो मित्र पुलिस ही जानती होगी लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिर खाकी अपने दामन को दागदार होने से कब बचाएगी। क्या खाकी को रणवीर इनकांउटर की याद नहीं आती। वैसे भी सजा देने का काम तो अदालत का है खाकी का नहीं ।