देहरादून। हरीश रावत सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हरक सिंह रावत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। एसआईटी ने हरक सिंह रावत के खिलाफ फर्जी तरीके से जमीन हड़पने के मामले की जांच तेज कर दी है। इस मामले में एसआईटी ने राजस्व विभाग से दस्तावेज मांगे हैं। हरक सिंह रावत के ऊपर सहसपुर के शंकरपुर में 107 बीघे जमीन हड़पने का आरोप है। इस मामले में एसआईटी को एक शिकायत मिली थी। बताया गया था कि वर्ष 2002 में तत्कालीन राजस्व मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने पद का दुरुपयोग कर शंकरपुर (सहसपुर) में सुशीला रानी नाम की महिला की लगभग 107 बीघा भूमि फर्जी पावर आफ अटार्नी के जरिए अपने नाम करवा ली थी।
शिकायत में आरोप है कि हरक ने फर्जी पावर ऑफ अटार्नी बनाकर अपने रिश्तेदारों के नाम करा दी। एसआईटी भूमि ने शिकायत को लेकर अपनी पड़ताल शुरू कर दी है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि निशाना हरक सिंह ही है, लेकिन सीधे तौर के बजाए रणनीति के तहत उन्हें घेरने की है। इसके बाद एसआईटी ने राजस्व विभाग से जमीन के दस्तावेजों की जानकारी मांगी है।
वहीं इस जांच पर हरक सिंह रावत ने भी प्रतिक्रिया दी है। हरक सिंह रावत ने हरीश रावत पर आरोप लगाया है कि वो राजनीतिक द्वेष की भावना से काम कर रहे हैं। हरक सिंह ने दावा किया है कि इस जमीन की जांच पहले भी हो चुकी है और उसमें भी कुछ गलत नहीं मिला था।