काठगोदाम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को रेल मंत्रालय ही पलीता लगा रहा है। काठगोदाम में रेलवे की लाउंड्री का गंदा जहरीला पानी गोला नदी में प्रवाहित किए जाने का मामला सामने आया है। ये खुलासा एक आरटीआई में हुआ है। नदीं में गंदा पानी प्रवाहित करने पर रेलवे को नोटिस भी जारी किया गया है लेकिन इसके बावजूद रेलवे ने गंदा पानी प्रवाहित करना बंद नहीं किया है। दरअसल काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर पूर्वोत्तर रेलव स्टेशन की लाउंड्री है। यहां ट्रेनों में सप्लाई होने वाले चादर, तकिए के लिहाफ, कंबल इत्यादि की सफाई होती है। इस धुलाई में रसायनिक पदार्थों को प्रयोग भी होता है। आरटीआई कार्यकर्ता गुरविंदर चड्ढा की मानें तो रेलवे ने उनके द्वारा मांगी गई जानकारी में रेलवे ने ये माना है कि लाउंड्री का गंदा रसायनिक पानी गौलानदी में बहाया जा रहा है। इस लाउंड्री में रोजाना लगभग आठ टन कपड़ों की धुलाई होती है और उसमें बड़ी मात्रा में पानी का प्रयोग होता है।
गौला नदी का पानी, गंगा की सहायक नदी रामगंगा में मिलता और इसके बाद ये पानी गंगा में मिल जाता है। आरटीआई के बाद हरकत में आई प्रदूषण नियंत्रण से जुड़ी एजेंसियों ने रेलवे को इस संबंध में नोटिस भी जारी किया है। वहीं पर्यावरण विदों ने रेलवे की लाउंड्री से आस पास के जंगलों में मौजूद जानवरों के जीवन पर भी संकट बताया है। दरअसल गौला का पानी जंगलों से होकर आगे बढ़ता है और जानवर इसी पानी को पीते हैं।