देहरादून। कांग्रेस के नौ बागियों के कंधे पर बंदूक रखकर हरीश रावत पर निशाना लगाने की बीजेपी की कोशिश अब उसके लिए परेशान की सबब बनती जा रही है। कांग्रेस के नौ बागियों को बीजेपी में लिया जाए या नहीं इस मसले पर भारतीय जनता पार्टी एकजुट नहीं हो पा रही है। वहीं खबरें ये भी आ रहीं हैं कि खुद बागियों में बीजेपी में शामिल होने को लेकर एक राय नहीं बन पा रही है।
18 मार्च को हरीश रावत के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद करने वाले नौ बागियों के लिए आगे का रास्ता अब मुश्किल होता जा रहा है। न्यायपालिका से राहत न मिलने के बाद अब बागियों को समझ नहीं आ रहा है कि वो क्या करें। बागियों के पास कांग्रेस की राजनीति करने का मौका अब मिल नहीं सकता और बीजेपी उन्हें लेने में झिझक रही है। बीजेपी को पार्टी के भीतर बगावत का डर सता रहा है। पार्टी के आला नेता भी इस मामले में कोई रिस्क लेने से बच रहे हैं। पार्टी के आला नेताओं को इस बात का इल्म है कि नौ बागियों को पार्टी में शामिल किए जाने पर पार्टी ही के कुछ नेता बगावत का झंडा बुलंद कर सकते हैं।